15 जनवरी 2009
आंध्र में लालमिर्च की आवक बढ़ी पर भाव ज्यादा नहीं गिरे
गुंटूर में लालमिर्च की आवक बढ़कर 15,000 बोरी (एक बोरी 45 किलो) होने के बावजूद कीमतों में ज्यादा गिरावट नहीं आई है। मांग अच्छी होने और आंध्रप्रदेश में लालमिर्च की नई फसल के उत्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले 15-20 फीसदी की कमी की आशंका से भाव को सहारा मिल रहा है। पिछले वर्ष आंध्रप्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 150 लाख बोरी रहा था। लेकिन चालू सीजन में किसानों द्वारा लालमिर्च के बजाए कपास की बुवाई ज्यादा करने से उत्पादन घटकर 130-135 लाख बोरी ही होने की संभावना है। गुंटूर स्थित लालमिर्च व्यापारी विनय बूबना ने बताया कि चालू वर्ष में अभी तक मौसम तो फसल के अनुकूल रहा है लेकिन किसानों ने पिछले वर्ष कॉटन के ऊंचे भाव देखे थे इसलिए लालमिर्च के बजाए कॉटन की बुवाई को प्राथमिकता दी। जिससे लालमिर्च का रकबा 15-20 फीसदी घटा है।उन्होंने बताया कि इस समय तेजा, ब्याड़गी और 273 क्वालिटी की नई आवक शुरू हो गई है लेकिन 334 और सनम क्वालिटी की आवक फरवरी में ही बन पाएगी। फरवरी के प्रथम पखवाड़े तक गुंटूर में लालमिर्च की दैनिक आवक बढ़कर 50 से 55 हजार बोरी होने की उम्मीद है लेकिन होली की घरेलू मांग व निर्यातकों की खरीददारी बढ़ने के भी आसार हैं। इस समय लालमिर्च के भाव 4000-4500 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी के अनुसार चल रहे हैं। अनुमान है कि भाव इससे नीचे नहीं जाएंगे क्योंकि भाव 4000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जाने पर किसान लालमिर्च मंडी में बेचने के बजाए कोल्ड स्टोर में रखना शुरू कर देंगे।लालमिर्च के व्यापारी मांगीलाल मुंदड़ा ने बताया कि इस समय आंध्रप्रदेश में लालमिर्च का करीब दस लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। इसमें बढ़िया माल मात्र दो लाख बोरी हैं तथा बाकी की आठ लाख बोरी फटकी क्वालिटी का स्टॉक है। कोल्ड स्टोरेज के माल में तेजा क्वालिटी के भाव 5200-5300 रुपये, 334 क्वालिटी के भाव 5100-5300 रुपये, सनम 5000 से 5200 रुपये, ब्याडगी 5800-6000 रुपये और 273 क्वालिटी के भाव 5600 से 5700 रुपये तथा फटकी क्वालिटी के भाव 1000 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।कोल्ड स्टोरों के माल में पिछले पंद्रह दिनों में मात्र 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। नए माल में तेजा क्वालिटी के भाव 4200 से 5200 रुपये, ब्याड़गी 4200 से 5800 रुपये और 273 के भाव 4000 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी अनुसार चल रहे हैं। मुंबई स्थित लालमिर्च के निर्यातक अशोक दत्तानी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर तक लालमिर्च का निर्यात 132,000 टन हो चुका है जोकि बीते वर्ष की समान अवधि के 134,285 टन से थोड़ा कम है। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड व इंडोनेशिया के साथ खाड़ी देशों की मांग बढ़ने की संभावना है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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