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15 जनवरी 2009

घरलू बाजारों में सप्ताह भर के दौरान कॉपर दस फीसदी टूटा

पिछले महज एक सप्ताह के दौरान घरलू बाजरों में कॉपर की कीमतों में दस फीसदी की गिरावट देखी गई है। वैश्विक बाजारों में आई गिरावट की वजह से घरलू कारोबार प्रभावित हुआ है। चीन और भारत के साथ दुनिया भर में औद्योगिक क्षेत्र की मांग घटने के कारण कॉपर की मांग में कमी आई है। पिछली जनवरी के मुकाबले इसकी मांग 25 फीसदी घट चुकी है जबकि कॉपर के मूल्यों 60 फीसदी तक की गिरावट आई है। कारोबारियों को मार्च माह के बाद कृषि क्षेत्र से मांग बढ़ने की उम्मीद है । छिलमिल और फ्रेंडस कॉलोनी इंडस्ट्रियल एरिया में बेसमेटल्स की छोटी इकाइयों के संगठन सीईटीपी सोसायटी के अध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि औद्योगिक और भवन निर्माण क्षेत्र से कॉपर की मांग में कमी की वजह से इसके मूल्य काफी घट चुके है।पिछले एक सप्ताह के दौरान इसके मूल्यों में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान कॉपर स्क्रैप के मूल्य 228 रुपये किलो से गिरकर 212 रुपये किलो, कॉपर रॉड 253 रुपये से गिरकर 230 रुपये, कॉपर बार वायर 255 रुपये गिरकर 238 रुपये और कॉपर बाइंडिंग के मूल्य 272 रुपये से गिरकर 250 रुपये किलो पर आ गए हैं। सोसायटी के उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने बताया कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक संकट के कारण कॉपर सहित अन्य धातुओं की मांग में खासी कमी देखी जा रही है जिससे इनका स्टॉक काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि इनके दाम विश्व बाजार में लगातार गिर रहे है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में पुराने सौदे फंसने से भी बिक्री घट गई है। भवन निर्माता पिछले ऊंचे भाव वाले पुराने सौदे की सप्लाई लेने को तैयार नहीं है। पिछली जनवरी के मुकाबले कॉपर के दाम 60 फीसदी तक गिर चुके हैं। गुप्ता बताते है कि दिसंबर-फरवरी के दौरान हर साल धातुओं की मांग आमतौर पर कम रहती है लेकिन इस साल मांग में कमी कुछ ज्यादा ही है। इस साल मांग 25 फीसदी हल्की है। मार्च माह के बाद कॉपर की मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। सुरेश गुप्ता ने बताया कि मार्च के बाद कृषि उपकरणों के लिए इसकी मांग बढ़ने की संभावना है। ऐसे में इसके भाव बढ़ने के साथ स्थिरता आने की भी उम्मीद है। उधर विश्वास नगर स्मॉल स्केल मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन के सचिव सुशील जैन ने बताया कि कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण खरीदार स्टॉक करने के बजाय तात्कालिक जरूरत के अनुसार ही माल उठा रहे हैं।चीन ने जिंक खरीद की योजना बनाईनई दिल्ली/शंघाई। चीन सरकार कॉपर के बाद जिंक का स्टॉक बनाने के लिए संकेत दिया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार घरलू उत्पादकों से करीब 59 हजार टन जिंक खरीदेगी। दरअसल मांग में आई कमी की वजह से जिंक की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी है। जिससे उत्पादकों को उत्पादन लागत भी निकलना मुश्किल हो गया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार की तरफ से स्टेट रिजर्व ब्यूरो 11,800 युआन प्रति टन के भाव पर जिंक खरीदेगा। यह भाव मौजूदा हाजिर भाव से करीब चार फीसदी ज्यादा है। एक महीना पहले चीन ने स्टॉक बनाने के लिए कॉपर खरीदने का ऐलान किया था। लेकिन वैश्विक बाजारों में लगातार कीमतों में गिरावट रहने से सरकार ने अपनी यह योजना रद्द कर दी। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में कॉपर की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। इस दौरान वैश्विक बाजार में जिंक की कीमतों में भी तगड़ी गिरावट आई है। मौजूदा समय में लंदन मेटल एक्सचेंज में जिंक करीब 1180 डॉलर प्रति टन है। पिछले महीने के दौरान एलएमई में जिंक की कीमतों में करीब डेढ़ हजार डॉलर की तेजी देखी गई थी। दिसंबर के अंत में जिंक 1290 डॉलर प्रति टन के उच्च स्तर पर था। लेकिन चालू महीने के दौरान गिरावट का दौर दोबारा जारी है। इस दौरान भारत में भी जिंक की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में जिंक जनवरी वायदा करीब ढाई फीसदी की गिरावट के साथ 61.60 रुपये प्रति किलो पर कारोबार करता देखा गया। चीन यदि खरीद करता है तो आने वाले दिनों में जिंक की वैश्विक कीमतों में जारी गिरावट थम सकती है। जिसका भरतीय बाजारों पर भी असर पड़ना तय है। (Business Bhaskar)

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