15 जनवरी 2009
ब्रिक देशों की मांग से जिंसों में आ सकती है तेजी
साल 2008 के दौरान कमोबेश सभी जिंसों की कीमतों में आई तगड़ी गिरावट के बाद अब चालू वर्ष की पहली छमाही में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है। एक अध्ययन के मुताबिक ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) में चालू साल के अंतिम छमाही के दौरान मांग में इजाफा होने से वैश्विक बाजारों में कई जिंसों की कीमतों में तेजी देखी जा सकती है। दिल्ली की ब्रोकरज कंपनी एसएमसी ग्लोबल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चालू साल के अंतिम छह महीनों के दौरान ब्राजील, रूस, भारत और चीन में मांग बढ़ने से जिंसों की कीमतों में तेजी आ सकती है। साल 2008 के दौरान दुनिया भर में धन की तंगी की वजह से कई जिंसों की कीमतों में करीब 25 से 50 फीसदी तक की गिरावट हो चुकी है। रिपोर्ट में मांग और आपूर्ति, अमेरिकी डॉलर और बाजारों में धन की तरलता को जिम्मेदार माना गया है। इन तीनों कारकों से पूरा कमोडिटी बाजार चलता है। रिपोर्ट में इस बात का खास तौर से उल्लेख किया गया है कि जिंसों की मांग में आई कमी अस्थाई है। वही उत्पादन में भी गिरावट आई है। लेकिन वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिति सुधरने के साथ ही मांग में दोबारा तेजी देखी जा सकती है। जिससे जिंसों का कारोबार प्रभावित होना तय है।आमतौर पर मंदी में जिंसों की कीमतें गिरने लगती हैं। लेकिन इस समय विकासशील देशों में मांग बढ़ने से जिंसों की कीमतों को आगे सपोर्ट मिल सकता है। आने वाले दिनों में चीन और भारत में मेटल की मांग में तेजी देखी जा सकती है। इन देशों में ग्रामीण इलाकों से शहरी इलाकों की ओर रुख होने से उपभोक्ता सामानों की मांग में भी इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है। मंदी की वजह से कई खनन कंपनियों ने अपने उत्पादन में कटौती की है, जिससे आने वाले दिनों में मांग बढ़ने से कीमतों पर असर पड़ सकता है। मौजूदा समय में बीएचपी बिल्टन, रियो टिंटो के साथ चीन, पेरू, चिली और दक्षिण अफ्रिका की कई कंपनियों नेअपने उत्पादन में कटौती की हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में महंगाई दर घटने के बाद निवेश के लिहाज से सोना आकर्षण का केंद्र रहेगा। वहीं चांदी में भी औद्योगिक मांग बढ़ने से आने वाले दिनों में तेजी देखी जा सकती है। मौजूदा समय में दोनों ही धातुएं रेंज बांउड कारोबार कर रही हैं। (BS Hindi)
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