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15 जनवरी 2009

धनकुबेरों की शान हीरा अब खटखटा रहा आपका दरवाजा

मुंबई January 14, 2009
वैश्विक और घरेलू बाजार में हीरे की मांग में आयी कमी और बढ़ती आर्थिक परेशानियों की वजह से हीरा कारोबारियों ने हीरे की कीमत में 40 फीसदी तक की कमी कर दी है।
इसके बाद भी खरीदारों की बेरुखी के चलते एक दो महीने के अंदर हीरे की चमक में अभी और 20 फीसदी तक की कमी होने के आसार हैं। वैश्विक मंदी के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित भारतीय जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग को हुआ है और ऐसा लगता है कि अभी और बुरे दिन देखने बाकी हैं। दुनियाभर में अपनी चमक के लिए मशहूर भारतीय हीरा उद्योग इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। हीरा बाजार में सितंबर-अक्टूबर 2008 में जिस एक कैरेट हीरे की कीमत 3 लाख रुपये थी आज उसकी कीमत 40 फीसदी कम होकर एक लाख 80 हजार रुपये पहुंच गई है। इस गिरावट के बाद भी खरीदारों का टोटा खत्म नहीं हुआ है। समय की नजाकत को देखते हुए माना जा रहा है कि एक-दो महीनों के अंदर ही हीरे की कीमतें अभी और 25-30 फीसदी तक लुढ़क सकती हैं। हीरा बाजार में चमक लाने के लिए खुदरा हीरा कारोबारियों के साथ बड़े ब्रांडों ने भी अपनी कीमतों में कमी करनी शुरू कर दी है।तनिष्क जैसे बड़े ब्रांडों ने भी अपनी कीमतों में 25 फीसदी की छूट देने की शुरूआत की है। तनिष्क की विपणन एवं व्यापार प्रमुख अल्पना परिदा के अनुसार हम हीरा के अभूषणों में 25 फीसदी तक की छूट देकर लोगों को हीरा जडित आभूषण खरीदने का एक अच्छा मौका दे रहे हैं।हीरा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है दरअसल इस समय कारोबारियों के पास पैसे की इतनी ज्यादा किल्लत है कि अगर आप मोलभाव करने की कला जानते हैं तो 25 फीसदी नहीं 50 फीसदी की भी छूट पाने में सफल हो सकते हैं। इसकी मुख्य वजह है कि ज्यादातर हीरा व्यापारियों ने बाजार से ब्याज पर पैसा लिया है। कारोबारियों द्वारा बैंक से जो ऋण लिया गया है, उसमें तो 13 फीसदी से 16 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज अदा करना पड़ता है लेकिन सच्चाई यह है कि हीरा कारोबारियों में ज्यादातर ने बैंक से नहीं बाजार से पैसा उठाया है,जिसके लिए उन्हे 2-5 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है वह भी मासिक। इस तरह औसत रूप से सालाना ब्याज की दर 40 फीसदी के करीब पहुंच जाती है। हीरा व्यापारी संजय शाह के अनुसार पिछले छह से आठ महीनों में हीरे के दाम बहुत गिर चुके हैं लेकिन यह स्थिति हमेशा नहीं रहने वाली है। हीरा, हीरा है इसकी चमक इतनी आसानी से फीकी नहीं होगी। मंदी के बादल छटते ही एक बार फिर से हीरा बाजार चमकेगा और कीमतों में सुधार होना शुरू हो जाएगा, इसीलिए हीरा में निवेश करने वाले और हीरा के शौकीन लोगों के लिए हीरा खरीदारी का सबसे सही समय यही है। आप इस समय मोलभाव भी कर सकते हैं।मंदी की मुस्कान
हीरों की कीमतों में 40 फीसदी कमी, 20 फीसदी और कम होने के आसारतीन लाख का हीरा 1.80 लाख रुपये में मिल रहा (BS Hindi)

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