कोच्चि January 14, 2009
वैश्विक बाजार में सीमित आपूर्ति के बीच दिसंबर 2008 में काजू के निर्यात में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई और बेहतर प्राप्तियों की वजह से यह 222.10 करोड़ रुपये का रहा जबकि साल 2007 में यह 201.50 करोड़ रुपये का था।
हालांकि, परिमाण के नजरिये से निर्यात में 16 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। काजू निर्यात प्रोत्साहन समिति के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2008 में यह 8,148 टन रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 9,740 टन था। दिसंबर में काजू का प्रति इकाई मूल्य 272.58 रुपये प्रति किलोग्राम रहा जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 206.88 रुपये प्रति किलोग्राम था।काजू गिरी और कोकोआ विकास निदेशालय के निदेशक वेंकटेश एन हुब्बाली ने कहा, 'अगले तीन महीने काजू निर्यात के लिए महत्वपूर्ण हैं जो अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में आई 15 प्रतिशत की गिरावट से प्रभावित हुआ है। अमेरिका भारतीय काजू का प्रमुख आयात है।'हुब्बाली ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद अमेरिका की मांग में लगातार कमी आई है लेकिन दूसरे प्रमुख आयातक नीदरलैंड को किया जाने वाला निर्यात स्थिर था। उन्होंने कहा, 'हमें आशा है कि परिस्थितियां काजू के पक्ष में होंगी क्योंकि प्रमुख प्रतिस्पर्ध्दी देश वियतनाम के उत्पादन में गिरावट की खबर है।'यह भी खबर है कि वियतनाम और तंजानियां में काजू के प्रसंस्करण में भी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि ये दोनों बड़े काजू उत्पादक देश हैं। उनके अनुसार इन परिस्थितियों का लाभ भारतीय काजू की बढ़ी मांग के रूप में नजर आ सकता है। (BS Hindi)
15 जनवरी 2009
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