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06 जनवरी 2009

पूसा 1121 के बीज उत्पादन में कंपनियों ने दिखाई रुचि

बासमती चावल पूसा 1121 के बीज उत्पादन के लिए कई निजी कंपनियां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) से समझौते की तैयारी कर रही है। इस समझौते के बाद पूसा 1121 का उत्पादन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के अंतर्गत किया जा सकेगा। आईएआरआई के निदेशक डा. एस. ए. पाटिल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि इस तरह के समझौते के लिए एड़वेन्टा, नुजीविडु और म्हाइको सहित कई कंपनियों ने पूसा 1121 के बीज उत्पादन के लिए अपनी रुचि जताई है। उन कंपनियों से बातचीत चल रही है, जल्द ही इससे संबंधित समझौता हो जायेगा। विश्व बाजार में पूसा 1121 की काफी मांग है। जिसको देखते हुए वर्ष 2008 में इसके बुआई क्षेत्रफल में काफी बढ़ोतरी हुई थी। किसान संगठनों की मांग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नवंबर 2008 में पूसा 1121 को बासमती का दर्जा दिया है। पाटिल ने बताया कि आईएआरआई द्वारा तैयार बीजों को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचाने के लिए निजी कंपनियों को इसके उत्पादन का जिम्मा देने की योजाना पिछले साल शुरू की गई थी।संस्थान ने अलग-अलग फसलों के बीजों के उत्पादन के लिए इस योजना के अंतर्गत अभी तक 18 कंपनियों के साथ समझौते किये हैं। इसमें सबसे ज्यादा समझौते चावल की हाइब्रिड किस्म पीआरएस 10 के उत्पादन के लिए किये गये है। इस समझौते के अनुसार आईएआरआई कंपनियों से 4.5 फीसदी की रॉयल्टी लेती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2008-09 में अभी तक इन समझौतों से संस्थान को 50 लाख रुपये की आमदनी हुई है। देश के अन्य कृषि विश्वविद्यालय भी इस तरह के समझौते कर रहे है। (Business Bhaskar)

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