25 सितंबर 2013
गन्ने मूल्य में मामूली वृद्धि की सिफारिशc
नई दिल्ली। चुनावी साल होने के बावजूद गन्ना किसानों को केंद्र सरकार की ओर से तोहफा मिलने की उम्मीद कम ही है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग [सीएसीपी] ने अगले चीनी वर्ष 2014-15 [अक्टूबर-सितंबर] के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य [एफआरपी] में दस रुपये की मामूली बढ़ोतरी की सिफारिश की है। सीएसीपी ने अगले सीजन के लिए इसका मूल्य बढ़ाकर 220 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया है।
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कृषि मंत्रालय के तहत आने वाला सीएसीपी ही कृषि उत्पादों की कीमत की सिफारिश करता है। आमतौर पर मंत्रालय इसकी सिफारिशों को मान लेता है। मगर उसकी यह सिफारिश कृषि मंत्री शरद पावर मानेंगे इस पर संदेह है क्योंकि उनका गृह राज्य महाराष्ट्र प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य है। खासकर पवार की पार्टी एनसीपी के दबदबे वाला राज्य का ज्यादातर हिस्सा गन्ना किसानों का है।
सीएसीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने लागत, उपलब्धता और अंतरराष्ट्रीय कीमतों समेत विभिन्न कारणों को ध्यान में रखते हुए गन्ना किसानों को यह मूल्य देने की सिफारिश की है। अगले महीने से शुरू हो रहे चीनी वर्ष 2013-14 के लिए गन्ने का एफआरपी 210 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। एफआरपी गन्ना किसानों को मिलने वाला न्यूनतम कानूनी मूल्य है। राज्य सरकारें चाहें तो वे भी अपनी तरफ से राज्य समर्थित मूल्य [एसएपी] तय कर सकती हैं। चीनी मिलें भी एफआरपी से ज्यादा कीमत किसानों को ऑफर कर सकती हैं।
एफआरपी बढ़ाने की सिफारिश के साथ ही सीएसीपी ने राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि यदि एसएपी बढ़ाया गया तो उत्पादन लागत में इजाफा होगा। उन्होंने राज्य सरकारों को सलाह दी है कि उन्हें चीनी की कीमत तय करने के लिए राजस्व भागीदारी फॉर्मूले पर काम करना चाहिए। (Dainik Jagran)
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