16 सितंबर 2013
ग्वार सटोरियों पर एफएमसी का नया वार
ग्वार में सटोरियों की दोबारा सक्रियता पर वायदा बाजार आयोग (एमएफसी) ने सख्ती दिखाते हुए सट्टेबाजी की जांच शुरू कर दी है। एफएमसी ने एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स से ग्वार के 25 बड़े कारोबारियों के सौदों की जानकारी मांगी है। साथ ही, उनके बैंक खातों का ब्योरा देने को भी कहा है। एक्सचेंजों को 28 सितंबर तक पूरी जानकारी देने को कहा गया है।
हज एक महीने में ग्वार और ग्वार गम की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। एफएमसी के ग्वार सौदों पर अतिरिक्त मार्जिन लगाने के बाद भी तेजी का सिलसिला नहीं थम रहा है। ग्वार सौदों की सच्चाई जाने के लिए एमएफसी ने एक्सचेंजों से ग्वार में लग रहे धन के स्रोतों की जानकारी मांगी है। एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स को 15 दिन के भीतर अपने 25 बड़े ग्वार कारोबारियों की पूरी जानकारी एफएमसी को देनी है। इसके लिए एफएमसी के सह निदेशक बीडी रायबोले ने दोनों एक्सचेंजों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि दोबारा शुरू किए गए ग्वार गम और ग्वार के वायदा कारोबार में जिस तेजी से कीमतें बढ़ रही हैं, उस पर संदेह हो रहा है। आयोग ने कहा है कि एक्सचेंज अपने 25 बड़े सदस्यों की समूची जानकारी मुहैया कराए जिसमें उनके ग्वार सौदे, बैंक विवरण और एक्सचेंज के सदस्यों एवं उनके ग्राहकों द्वारा खरीद और बिक्री शामिल है। इसकी जांच आयोग की सतर्कता टीम करेगी।
कारोबारियों के सौदों और उनके बारे में जानकारी मांगे जाने से ग्वार कारोबारियों के बीच दहशत का माहौल है। राजस्थान की प्रमुख ग्वार मंडी बीकानेर, श्रीगंगानगर और जोधपुर में ग्वार का हाजिर कारोबार करने वाले कारोबारी भी सकते में हैं। कारोबारियों ने जांच से बचने के लिए हाथ-पांव मारने शुरू कर दिए हैं और वे सतर्कता के साथ कारोबार कर रहे हैं। सट्टेबाजी की जांच शुरू होते ही कीमतों पर इसका असर दिखाई देने लगा है।
एनसीडीईएक्स में ग्वारगम की कीमत 22130 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 21,100 रुपये पर पहुंच गई जबकि ग्वार सीड की कीमतें 7900 से घटकर 7430 रुपये रह गईं। हाजिर बाजार में 28000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका ग्वार गम गिरकर 21,000 रुपये पर आ गया, जबकि ग्वार 9000 रुपये प्रति क्विंटल से लुढ़ककर 7,500 रुपये पर आ गया। गौरतलब है कि 21 मार्च 2012 को ग्वार गम की कीमतें 1,00,195 रुपये प्रति क्विंटल और ग्वार की कीमतें 30,533 रुपये प्रति क्विंटल हो गई थीं।
ग्वार में सट्टेबाजी की वजह से एफएमसी ने इसके वायदा कारोबार पर 28 मार्च 2012 से रोक लगा दी थी लेकिन उद्योग की मांग और कुछ नियमों में बदलाव के साथ इस साल मई में दोबारा ग्वार वायदा शुरू किया गया था। (BS Hindi)
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