23 सितंबर 2013
महाराष्ट्र ने घुड़का.. प्याज लुढ़का
महंगाई के आंकड़े को 6 महीने के उच्चतम स्तर तक पहुंचाने वाला प्याज महाराष्टï्र सरकार के तीखे तेवर देखकर आज खामोश पड़ गया। प्याज के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्टï्र की प्रमुख मंडियों में प्याज के दाम 20 फीसदी तक घट गए। राज्य सरकार ने आज चेताया कि वह प्याज की जमाखोरी बंद करने के लिए जल्द ही 'छापेÓ मारना शुरू करेगी। इस धमकी का अच्छा असर हुआ। प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्ल्य 650 डॉलर से बढ़ाकर 900 डॉलर प्रति टन करने के केंद्र के फैसले और नई फसल के आवक से भी प्याज के भाव उतरे। इसका असर खुदरा बाजार में भी जल्द दिख सकता है।
कांग्रेस की अगुआई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को अगले साल होने वाले आम चुनावों का भान है और वह जानती है कि सियासी मोर्चे पर प्याज से टकराना आसान नहीं। करीब डेढ़ दशक पहले प्याज के दाम अचानक बढऩे से ही दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार गिर गई है। इसीलिए केंद्र सरकार इस बार सख्ती बरत रही है। इस बीच महाराष्टï्र सरकार ने नासिक में कृषि उत्पाद विपणन समिति के सचिवों के साथ बैठक की और चेताया कि राज्य सरकार प्याज की जमाखोरी करने वालों पर जल्द 'छापेÓ मारेगी। इस धमकी का असर दिखा और लासलगांव मंडी में प्याज के भाव 17.31 फीसदी गिर गए।
इसके बाद अन्य मंडियों में भी प्याज नरम पड़ा और आज पिंपलगांव में प्याज का भाव 22.73 फीसदी टूटा। नासिक के एक प्याज निर्यातक ने बताया, 'सरकारी धमकी के बाद प्याज के दाम घटने का मतलब है कि कारोबारी जमाखोरी कर भाव बढ़ा रहे थे।Ó प्याज को जरूरी सामग्री घोषित करने से इनकार करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि हफ्ते भर में कीमतें कम होंगी। (BS Hindi)
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