17 सितंबर 2013
माल्ट कंपनियों की मांग से जौ में तेजी की संभावना
कंपनियों ने स्टॉक कम होने के कारण त्यौहारी मांग पूरी करने के लिए खरीद बढ़ाई
माल्ट कंपनियों की मांग से जौ की कीमतों में तेजी आने की संभावना है। जौ की नई फसल आने में अभी करीब छह महीने से ज्यादा का समय शेष है जबकि माल्ट कंपनियों के साथ ही उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक कम है। ऐसे में आगामी दिनों में जौ की मौजूदा कीमतों में 8 से 10 फीसदी की तेजी आ सकती है।
इम्पीरियल माल्ट लिमिटेड के डायरेक्टर संजय यादव ने बताया कि माल्ट कंपनियों ने फसल के समय जौ की खरीद कम की थी इसलिए कंपनियों के पास इस समय स्टॉक कम है जबकि दीपावली के दौरान बीयर की मांग को देखते हुए कंपनियों की खरीद बाजार से बढ़ गई है।
जौ की नई फसल की आवक मार्च-अप्रैल में बनेगी इसलिए जौ की मौजूदा कीमतों में 100 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने से जौ का निर्यात नहीं हो पा रहा है।
कुंदनलाल परसराम एंड कंपनी के प्रबंधक राजीव बंसल ने बताया कि इस समय राजस्थान और हरियाणा को मिलाकर जौ का कुल स्टॉक 10 से 12 लाख बोरी का ही बचा हुआ है। उत्पादक मंडियों में जौ का भाव 1,250-1,260 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि माल्ट कंपनियों में पहुंच सौदे 1,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों में मक्का, बाजरा और ज्वार के दाम भी तेज है ऐसे में जौ की कीमतों में आगामी दिनों में जौ की कीमतों में तेजी की ही संभावना है।
एनसीडीईएक्स पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दस दिनों में जौ की कीमतों में करीब सात फीसदी का मंदा आया है। चार सितंबर को अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में जौ का भाव 1,389 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि सोमवार को भाव 1,289 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में जौ का उत्पादन बढ़कर 17.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2011-12 में 16.2 लाख टन का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar)
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