09 सितंबर 2013
एमईपी लगने और ऊंचे भाव से प्याज निर्यात में आर्ई कमी
न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) फिर से लगने और ऊंचे भावों के कारण प्याज निर्यात में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। अगस्त में पिछले साल के मुकाबले निर्यात साढ़े चार गुना कम हुआ है, वह भी तब जब एमईपी 14 अगस्त को लागू हुआ था। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में करीब 21 फीसदी कम प्याज निर्यात हुआ है। पिछले माह बीच में सरकारी सख्ती के बाद कुछ समय के लिए प्याज सस्ता हुआ था, लेकिन बाद में भाव फिर से चढ़ गए । इस महीने भी प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है। ऐसे मेें इस माह भी निर्यात गिरने की संभावना है।
भारतीय राष्टï्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नेफेड ) के वरिष्ठï अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि 14 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 650 डॉलर प्रति टन एमईपी लगने के बाद रोजाना ज्यादातर दिन महज 40 से 80 टन प्याज निर्यात हुआ। इससे पहले भी भाव काफी ज्यादा होने से अंतरराष्टï्रीय बाजारों में भारतीय प्याज की मांग बहुत कम थी। लिहाजा अगस्त में महज 34,187 टन प्याज का निर्यात हुआ, जो पिछले साल अगस्त में निर्यात हुए 1,56,283 टन के मुकाबले साढ़े चार गुना से भी कम है। अगस्त में निर्यात इस जुलाई (1,24,384 टन) से भी काफी कम है। अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक करीब 6.70 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है, जबकि पिछली समान अवधि में 8.50 लाख टन प्याज निर्यात हुआ था।
प्याज निर्यातक के के कोचर कहते हैं कि 650 एमईपी और डॉलर की कीमत 67 रुपये के हिसाब से ही प्याज का निर्यात भाव 43.55 रुपये प्रति किलो बैठेगा। इस भाव पर विदेशी खरीदार नही है। इतना भाव बिना किसी झंझट के घरेलू बाजार में भी मिल रहा है। इसलिए प्याज के निर्यात में गिरावट आई है।
राष्टï्रीय बागवानी एवं अनुसंधान विकास प्रतिष्ठïान (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर पी गुप्ता कहते हैं कि अंतरराष्टï्रीय बाजार में भारतीय मुद्रा के हिसाब से प्याज का भाव 25-30 रुपये प्रति किलो चल रहा है। लिहाजा भारतीय प्याज प्रतिस्पर्धी न होने से इसके निर्यात में कमी देखी जा रही है। पिछले वित्त वर्ष में 18.22 लाख टन प्याज निर्यात हुआ था, जो इससे पहले वाले वर्ष से 17.36 फीसदी अधिक था। (BS Hindi)
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