09 सितंबर 2013
रूस ने चावल पर प्रतिबंध हटाया
भारत और रूस की सरकारों के बीच कई दौर की वार्ताओं और भविष्य में वैश्विक मानकों की गुणवत्ता बरकरार रखने की भारत की गारंटी के बाद रूस ने चावल और मूंगफली के आयात पर लगभग 9 महीने के बाद प्रतिबंध हटा दिया है। इसके बाद भारतीय निर्यातक चावल और मूंगफली को रूस भेज सकेंगे। रूस ने दिसंबर 2012 में भारत से चावल और मंूगफली के आयात को प्रतिबंधित कर दिया था। रूस ने वर्ष 2012 के शुरू में कुछ खेपों में दुनिया के सबसे विनाशकारी कीटों में से एक खपरा बीटल (ट्रोगोडर्मा ग्रेनेरियम) पाए जाने के बाद चावल और मूंगफली के आयात पर रोक लगा दी थी।
निर्यात बाजार को ऐसे समय खोला गया है जब भारत सरकार अधिक डॉलर हासिल करने के लिए निर्यातकों को अधिक से अधिक मात्रा में खेपें निर्यात हेतु प्रोत्साहित कर रही है ताकि चालू खाते के घाटे (सीएडी) से जुड़ी चिंता दूर करने में मदद मिल सके। प्रतिबंध हटने से गलत कार्य प्रणालियों का संदेह भी पैदा हुआ है जिसका भय अन्य बाजारों में दिखने की आशंका है।
कृषिगत एवं संवद्र्घित खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की वेबसाइट पर उपलब्ध एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'रूसी विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने रूस में भारतीय दूतावास को प्रतिबंध हटाने की खबर दे दी है। रोसेलखोजनादजोर की भारत यात्रा के मद्देनजर 1 सितंबर से रूस के लिए भारत से चावल और मूंगफली के आयात पर अस्थायी प्रतिबंध समाप्त किया जा रहा है। Ó
भारतीय चावल निर्यातकों ने रूस सरकार द्वारा अचानक उठाए गए इस कदम का स्वागत किया है। कोहिनूर फूड्ïस (पुराना नाम सतनाम ओवरसीज लिमिटेड) के संयुक्त प्रबंध निदेशक गुरनाम अरोड़ा ने कहा, 'हालांकि भारतीय चावल निर्यात के लिहाज से रूस बहुत बड़ा बाजार नहीं है, लेकिन इस बाजार का खुलना भारतीय निर्यातकों के लिए निश्चित ही सकारात्मक बदलाव होगा।Ó
दोनों देशों के बीच प्रतिबंध के इस मुद्दे पर भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और रूस में आर्थिक विकास मामलों के मंत्री अलेक्सी वेलेंतीनोविच उल्यूकाएव के बीच हाल में बु्रनेई में आसियान में मंत्री स्तर की बैठक के दौरान अलग से बैठक में भी चर्चा हुई थी। भारत के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा निर्यात योग्य जिंसों में सफाई और फाइटो-सेनिटरी की समस्या दूर किए जाने की गारंटी दी गई थी। (BS Hindi)
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