07 अप्रैल 2011
गेहूं उत्पादकों को बोनस मिलने की संभावना
गेहूं किसानों को चालू विपणन सीजन के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिए जाने की संभावना है। कृषि मंत्री शरद पवार ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में गेहूं उत्पादक किसानों को बोनस देने पर विचार किया जाएगा। चालू विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,120 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2010-11 में देश में 842.7 लाख टन गेहूं का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष 808 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2010-11 में एमएसपी 1,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 225.13 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। जबकि चालू विपणन सीजन 2011-12 के लिए 260 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। चालू विपणन सीजन में अभी तक सरकार ने एमएसपी पर 4.72 लाख टन गेहूं की खरीद की है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 52 फीसदी कम है। पिछले साल इस समय तक 9.84 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। चालू सीजन में हरियाणा और पंजाब में गेहूं की आवक करीब दस दिन देरी से आने की संभावना है। इन राज्यों में दस अप्रैल के बाद आवक बढऩे की संभावना है। खरीफ सम्मेलन 2011 के अवसर पर शरद पवार ने कहा कि तीसरे उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। जबकि केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का बकाया स्टॉक भी बफर मानक के मुकाबले ज्यादा है। इसलिए सरकार को गेहूं और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक को हटाने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए। सरकार ने 2007 से गेहूं के और अप्रैल 2008 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा रखी है।अनाज के निर्यात व भंडारण पर विचार जरूरीनई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने सुझाव दिया है कि इस फसल वर्ष में बंपर पैदावार को देखते हुए अनाज भंडारण, राज्यों को अनाज के आवंटन और निर्यात मामले में गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। बंपर पैदावार को देखते हुए चावल और गेहूं के निर्यात की अनुमति दिए जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि वर्तमान फसल वर्ष में अनाज की पैदावार 1947 से लेकर अब तक सबसे ज्यादा रहने की संभावना है। इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। भारत सरकार को अनाज के भंडारण और राज्यों को आवंटन और निर्यात के बारे में गंभीरता के साथ सोचना चाहिए। वर्ष 2010-11 के फसल वर्ष में 2358.8 लाख टन का उत्पादन रहने का अनुमान है। जून में समाप्त हो रहे वर्तमान फसल वर्ष में गेहूं और दाल का सर्वाधिक उत्पादन रहने का अनुमान है। कृषि मूल्य एवं लागत आयोग (सीएसीपी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पवार ने कहा कि वर्तमान समय में अनाज का भंडारण 40,000 करोड़ रुपये की कीमत के बराबर है। (Business Bhaskar)
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