नई दिल्ली April 18, 2011
सरकार ने हाल की बारिश से गेहूं की फसल को कोई क्षति होने की आशंकाओं को निर्मूल बताया है और कहा है कि इससे इस फसल की उपज और उत्पादन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, सरकार को यह लगता है कि बारिश के कारण मंडियों में गेहूं की आवक पर असर पड़ सकता है। केंद्रीय कृषि आयुक्त गुरबचन सिंह ने कहा, 'हाल की बरसात का गेहूं की उत्पादकता और उत्पादन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।' हालांकि, उन्होंने कहा कि ठंडे मौसम के कारण गेहूं में नमी पैदा होती है जिसके कारण मंडियों में गेहूं की आवक में देर हो सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों पंजाब और हरियाणा की मंडियों में गेहूं की आवक में पहले ही दो सप्ताह की देर हो गई है। कृषि आयुक्त के मुताबिक बारिश से नम हुए गेहूं को सुखाने के बाद ही इसे मंडियों में लाया जा सकेगा। इस मौसम में पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश में पश्चिमी उत्तरी इलाकों में हर साल थोड़ी बहुत वर्षा हो जाती है।गुरबचन सिंह ने कहा कि अगर अत्यधिक बारिश, ओला वृष्टि और हवा चलती है तो यह चिंता की बात होती है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ अभी भी जारी है और पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कुछ अधिक है। सिंह ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में 60 प्रतिशत गेहूं की फसल की कटाई अभी भी की जानी है। आयुक्त ने कहा कि कटाई में कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि मौसम विभाग ने अगले 15 दिनों तक मौसम के साफ रहने की भविष्यवाणी की है। देश में चालू फसल वर्ष में 8.42 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।गेहूं की खरीद 69 फीसदी कमदेश में गेहूं की खरीद चालू वर्ष में अब तक 38.38 लाख टन है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 69 प्रतिशत कम है। पंजाब और हरियाणा में इस फसल की आवक अभी तेज नहीं हुई है। एफसीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार एफसीआई ने वर्ष भर पहले की समान अवधि में 123.62 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। अब तक पंजाब में सरकारी एजेंसियों और निजी मिल मालिकों ने 6.05 लाख टन गेहूं खरीदी है।हरियाणा में विशेष गिरदावरीखराब मौसम की वजह से फसल को हुए नुकसान के आकलन के लिए हरियाणा में खास गिरदावरी (राजस्व आकलन) की घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डïा ने की। इस बारे में संबंधित क्षेत्रों के आयुक्तों को सूचना भेज दी गई है। उपायुक्तों ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। (BS Hindi)
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