नई दिल्ली April 03, 2011
देश भर के प्रमुख शहरों में सब्जियों की किल्लत दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सब्जियों की खेती के लिए क्लस्टर की योजना बनाई है। साथ ही हर राज्य की राजधानी या 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले दूसरे शहरों में से किसी एक में इसके भंडारण की व्यवस्था करने की योजना है।
ऐसे क्लस्टर के निर्माण से चुनिंदा शहरों में सब्जियों की मांग व आपूर्ति की समस्या दूर होगी और इस बाबत वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने साल 2011-12 के बजट में प्रस्ताव रखा है और इसके लिए 300 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तैयार दिशा-निर्देश के मसौदे के मुताबिक, इस कार्यक्रम के संचालन में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका नहीं होगी। राज्य सरकारें शहरों की पहचान करेगी, जहां वह सब्जियों के लिए क्लस्टर स्थापित करना चाहती हों। पहचान किए गए इन शहरों में एक सर्वे किया जाएगा ताकि आपूर्ति की बाधाओं के बारे में जानकारी मिले और उस शहर के आसपास के उन इलाकों की क्षमता का आकलन किया जाएगा, जहां सब्जियों की खेती की जा सकती हो।
एक अधिकारी ने बताया कि सर्वे के आधार पर राज्य सरकारों को प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें भौगोलिक व जलवायु के संबंध में सूचना के साथ-साथ सब्जियों के विकास की क्षमता और जमीन की उपलब्धता की जानकारी देनी होगी। इस रिपोर्ट में उन कदमों का भी जिक्र होगा जिसके जरिए मौजूदा बुनियादी ढांचा मसलन राज्यों में गोदामों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से सब्जियों के भंडारण में किया जा सकता है।
अधिकारी ने बताया कि उचित कीमत पर सुरक्षित व अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियों की लगातार उपलब्धता प्रमुख चुनौती है। इसके लिए कई मोर्चे पर मसलन उत्पादन, कटाई के बाद, भंडारण, परिवहन, विपणन, वितरण और नीतिगत सुधार पर कदम उठाने की जरूरत है।
सरकार ने सब्जी उत्पादकों को किसान एसोसिएशन के तौर पर संगठित करने और इन समूहों को मितव्ययिता का लाभ उठाने के बारे में जानकारी देने और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों व नगर निगमों के साथ तालमेल बिठाने की योजना है ताकि शहर के आसपास सब्जियों की खेती के लिए जमीन उपलब्ध हो जाए।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) इस योजना के लिए आवश्यक क्रेडिट उपलब्ध कराएगा। राज्यों के वानिकी निदेशालयों, वानिकी मिशन और सरकारें इस योजना को लागू कराने वाली प्रमुख एजेंसियां होंगी।
बढ़ेगी आपूर्ति
सब्जियों की खेती के लिए क्लस्टर बनाने की योजना, राज्यों की राजधानी या दूसरे शहरों में इसके भंडारण की होगी व्ययवस्था
सरकार ने इनके लिए बजट में 300 करोड़ रुपये का आवंटन किया है (BS hindi)
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