15 अप्रैल 2011
'खत्म हो आयातित रबर का औचक निरीक्षण
कोच्चि April 14, 2011 ऑल इंडिया रबर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एआईआरआईए) और ऑटोमेटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने रबर बोर्ड द्वारा आयातित प्राकृतिक रबर के औचक निरीक्षण की व्यवस्था को खत्म करने की मांग की है। इन दोनों संगठनों का कहना है कि निरीक्षण की वजह से मंजूरी में देरी होती है और इससे उत्पादन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। ऊंची कीमतों और इस वजह से पडऩे वाले आर्थिक प्रभाव को देखते हुए यहां की कंपनियां उतनी ही मात्रा में प्राकृतिक रबर मंगाती हैं जितने की जरूरत हो। ऐसे में अगर मंजूरी मिलने में देरी हो तो पूरी उत्पादन प्रक्रिया बाधित होती है और निर्यात ऑर्डर भी समय पर पूरे नहीं हो पाते। ये बातें इस उद्योग के प्रतिनिधियों ने सरकार के समक्ष उठाई हैं। औचक निरीक्षण की व्यवस्था 2004 में शुरू हुई थी। इसका मकसद यह जांच करना है कि आयातित रबर तकनीक और गुणवत्ता के स्तर पर तय मानकों पर खरा उतरता है या नहीं। इस उद्योग ने सरकार से यह भी कहा है कि प्राकृतिक रबर अंतिम उत्पाद नहीं है बल्कि कच्चा माल है इसलिए इसकी गुणवत्ता के बजाए तैयार उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि आयातित प्राकृतिक रबर को कई स्तर से गुजारने के बाद इससे टायर जैसा कोई उत्पाद तैयार होता है। सरकार से इन लोगों ने यह भी कहा है कि वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक रबर की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं और ऐसे में कोई भी कंपनी खराब गुणवत्ता वाला कच्चा माल नहीं खरीदना चाहेगी, क्योंकि इससे अंतिम उत्पाद की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। (BS Hindi)
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