देश की रीयल एस्टेट क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी डीएलएफ का मानना है कि इस क्षेत्र में काले धन की मुख्य वजह प्राचीन हो चुका कानून है.
डीएलएफ ने कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बात पर जोर दिया है कि स्टाम्प शुल्क में कमी से इस क्षेत्र को साफ करने में मदद मिलेगी.
डीएलएफ के चेयरमैन के पी सिंह ने शनिवार को इंडिया टुडे सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘रीयल एस्टेट क्षेत्र ऐसा है जिसमें सबसे कम सुधार हुए हैं. यहां कानून, विनियम सभी पुराने हो चुके हैं. स्वतंत्रता के बाद से इस क्षेत्र में कोई सुधार नहीं हुए हैं.’
उन्होंने कहा, 'हालांकि कुछ बदलाव आ रहे हैं. पर यह उस गति से नहीं हो रहा, जैसा हम चाहते हैं.’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में काले धन के प्रवाह पर अंकुश के लिए स्टाम्प शुल्क को घटाना जरूरी है.
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान काफी अच्छा है. स्टाम्प शुल्क एक तरह से संपत्ति कर होता है, जो सभी सौदों में देना पड़ता है. इसकी गणना सौदे के मूल्य या सर्किल रेट जो भी ऊंचा हो, के आधार पर की जाती है. प्रत्येक राज्य में इसकी दर भिन्न है. जहां यह कर मुंबई में 4 प्रतिशत है, वहीं केरल में इसकी दर 13 फीसद है. Sahara Samay
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