मुंबई April 29, 2011
वल्र्ड स्टील एसोसिएशन के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल स्टील की मांग में 5.9 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना है। भारत में स्टील की मांग में 13.3 फीसदी की बढ़त की उम्मीद है, इस लिहाज से वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग में भारत का स्थान अग्रणी होगा।स्टील के कुल वैश्विक उत्पादन का 85 फीसदी एसोसिएशन के सदस्य ïउत्पादित करते हैं। स्टील की बाबत साल 2011 व 2012 में मध्यम अवधि के नजरिये के बारे में अपने न्यूजलेटर में एसोसिएशन ने कहा है - मजबूत अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे की जरूरतें और औद्योगिक उत्पादन के विस्तार के चलते आने वाले सालों में भारत में स्टील की मांग में मजबूत बढ़त की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि साल 2012 में भारत में स्टील की मांग 14.3 फीसदी को छू लेगी और कुल मांग 790 लाख टन सालाना पर पहुंच जाएगी।साल 2010 में भारत में 670 लाख टन स्टील का उत्पादन हुआ और यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा स्टील उत्पादक है। इस मामले में चीन पहले स्थान पर है और इसके बाद जापान, अमेरिका और रूस का स्थान है। वल्र्डस्टील इकनॉमिक कमेटी के चेयरमैन डेनियल नोवेगिल ने कहा - दुनिया भर में राहत पैकेज दिए जाने, उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सुधार और कुल मिलाकर बाजार में सुधार के चलते साल 2009 की दूसरी छमाही में स्टील की मांग में सुधार नजर आने लगा था और साल 2010 में इसमें सतत सुधार परिलक्षित हुआ। उन्होंने कहा कि साल 2011 में दुनिया में स्टील की मांग में 5.9 फीसदी की बढ़त की उम्मीद है।दुनिया के पश्चिमी क्षेत्रों में बढ़त की अगुआई अमेरिका करेगा। देश में साल 2011 में 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी और यह 905 लाख टन पर पहुंच जाएगा। यूरोपीय यूनियन में स्टील का इस्तेमाल 4.9 फीसदी की रफ्तार से बढऩे की भविष्यवाणी की गई है और निर्यात के चलते उद्योग जगत में हुए सुधार की बदौलत यह साल 2011 में 1518 लाख टन पर पहुंच जाएगा। वल्र्ड स्टील एसोसिएशन का कहना है - जर्मनी और फ्रांस जैसी यूरोजोन की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मुख्य रूप से ऑटो व मशीन निर्माण क्षेत्र में स्टील की मांग में मजबूत सुधार की भविष्यवाणी की गई है। अन्य अर्थव्यवस्थाओं (मसलन यूनान, आयरलैंड, पुर्तगाल और स्पेन) में स्टील के इस्तेमाल के मामले में धीमा विकास का अनुमान है, खास तौर से कमजोर निर्माण गतिविधियों के चलते।दूसरी ओर स्टील उपभोग के मामले में अग्रणी देश चीन में साल 2011 के दौरान 5 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है और यह 6050 लाख टन पर पहुंच जाएगा। साल 2012 में भी वहां 5 फीसदी की दर से ही बढ़त की संभावना है और यह 6350 लाख टन पर पहुंच जाएगा। एसोसिएशन ने हालांकि कहा है कि साल 2011 की पहली तिमाही में स्टील उत्पादन की रफ्तार को देखते हुए चीन में स्टील की मांग और ज्यादा हो सकती है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि जरूरत से ज्यादा गर्म हो चुकी अर्थव्यवस्था को थामने की चीन सरकार की कोशिश, खास तौर से रियल एस्टेट सेक्टर में, के चलते चीन में स्टील की मांग पर इस साल असर पड़ेगा।स्टील के अग्रणी बाजारों में से एक केंद्रीय व दक्षिण अमेरिका में साल 2011 के दौरान स्टील के इस्तेमाल में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की गई है और यह 488 लाख टन पर पहुंच जाएगा। साल 2012 में इस क्षेत्र में स्टील के इस्तेमाल में 8.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और यह 528 लाख टन पर पहुंच जाएगा। जापान में आए भूकंप व सुनामी के चलते पडऩे वाले प्रभाव का आकलन करने में हुई मुश्किल के बाद हालांकि भविष्यवाणी में संशोधन नहीं किया गया है। डब्ल्यूएसए ने कहा है कि भूकंप व सुनामी के चलते साल 2011 में स्टील के इस्तेमाल में गिरावट आएगी। (BS Hindi)
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