अभी तक केवल गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को ही इस दर पर अनाज मिलता था लेकिन अब सरकार बीपीएल कार्ड धारकों और एपीएल कार्ड धारकों के बीच इस भेदभाव को खत्म करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यही नहीं जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हे भी राशन की दुकानों से अनाज मिलेगा लेकिन इसके लिए उन्हे न्यूनतम समर्थन मूल्य चुकाना होगा।
खाद्य सुरक्षा विधेयक के मद्देनजर राशन प्रणाली में सुधार के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने इस आश्य का मसौदा तैयार किया है जिसके तहत गरीबी रेखा के इस पार और उस पार रहने वाले लोगों के बीच अंतर को खत्म कर दिया जाएगा। खाद्य मंत्री पी जे थॉमस के मुताबिक ऐसे परिवारों की संख्या आठ से दस करोड़ के बीच हो सकती है।इस बारे में योजना आयोग और खाद्य मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्रियों की एक समिति का गठन किया है। और समिति की अध्यक्षता मोंटेक सिंह अहलूवालिया कर रहे हैं मई के दूसरे हफ्ते में इस समिति की बैठक होनी है जिसमें इस प्रस्ताव पर मोहर लग जाएगी।इससे उन लोगों को भी फायदा होगा जिनका राशन कार्ड नहीं बना है क्योकि उन्हे राशि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मिलेगा जो बाजार कीमत से काफी कम है। इस समय गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 11.70 और चावल का 16.70 रुपए प्रति किलो है। (Dainik Bhaskar)
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