राजकोट April 19, 2011
कमजोर मांग के बीच आवक दोगुनी होने के कारण पिछले 10 दिनों में अरंडी की कीमतें 12 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गई हैं। कारोबारियों को लगता है कि बढ़ती आपूर्ति और कमजोर मांग से इसकी कीमतें और गिर सकती हैं। अरंडी की कीमतें 1025-1050 रुपये प्रति 20 किलोग्राम से गिरकर 920-930 रुपये प्रति 20 किलोग्राम पर आ गई हैं। अहमदाबाद स्थित जिंस विश्लेषक बीरेन वकील ने कहा - किसानों ने यह सोचकर अपना उत्पाद बेचना शुरू कर दिया है कि अरंडी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी। आपूर्ति में किल्लत की वजह से करीब डेढ महीने पहले अरंडी की कीमतें 1300-1320 रुपये प्रति 20 किलोग्राम थीं। कीमतों के उच्चस्तर पर रहने के दौरान किसानों ने अरंडी का स्टॉक इसलिए बनाए रखा कि इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं। लेकिन उच्चस्तर से कीमतें में गिरावट शुरू हो गई क्योंकि मांग में कमी आ गई थी। कीमतों में गिरावट को देखते हुए किसान अपना स्टॉक खाली करने को बाध्य हो गए।कारोबारियों के मुताबिक, अगले एक महीने तक अरंडी की आवक में मजबूती बनी रह सकती है और यह 1.3 लाख बोरी से 1.40 लाख बोरी तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मई में आवक में कमी शुरू हो सकती है। बीरेन वकील ने कहा कि जब तक चीन की मांग सामने नहीं आती, अरंडी की कीमतें गिरावट का रुख ही दर्शाएगी। अगले एख महीने तक इसमें तेजी की संभावना नहीं है। उसके बाद बाजार मांग पर निर्भर करेगा।राजकोट के कारोबारी हरिभाई पटेल ने कहा - हाजिर बाजार में मांग काफी कम है। एक ओर जहां बाजार में अरंडी की खरीद के लिए निर्यातक सामने नहीं आ रहे हैं, वहीं इसकी आवक काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से कीमतें गिर रही हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी कीमतों में उछाल की कोई वजह नहीं है।राजकोठ कमोडिटी एक्सचेंज (आरसीएक्स) के प्रेसिडेंट राजूभाई पोबारू ने कहा - निर्यात मांग मई के मध्य से शुरू होने की संभावना है, तब तक कीमतों में गिरावट जारी रहेगी। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के सर्वे के मुताबिक, साल 2010-11 में अरंडी का रकबा 14 फीसदी बढ़कर 8.59 लाख हेकक्टेयर पर पहुंच गया है।साल 2010-11 में अरंडी का कुल उत्पादन 11.90 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल के 9.78 लाख टन के मुकाबले 22 फीसदी ज्यादा है। (BS Hindi)
22 अप्रैल 2011
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