इंफ्रा डेब्ट फंड और आवास ऋण पर ब्याज सब्सिडी के लिए होम लोन की राशि बढ़ाने के फैसले से रियल इस्टेट सेक्टर को गति मिलेगी.
सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुशांतो रॉय ने सोमवार को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा पेश किये गये आम बजट 2011-12 को आमजन के लिए हितकारी बताते हुए कहा कि सरकार ने इस बजट में रियल इस्टेट सेक्टर के लिए काफी कुछ प्रावधान किये हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर बांड में कर छूट में बढ़ोतरी, इंफ्रा डेब्ट फंड और आवास ऋण पर ब्याज सब्सिडी के लिए होम लोन की राशि बढ़ाने के फैसले से इस क्षेत्र को गति मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में सुधारवादी छटा दिखती है और वित्तीय समावेशन दूरगामी लक्ष्य की दिशा में कुछ आगे बढ़ता हुआ लगता है. बजट मुख्यत: ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने व वित्तीय घाटे को पब्लिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्चे पर बगैर समझौता किये प्रबंधित करने हेतु केन्द्रित है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में सुधार की प्रक्रिया और नौकरीपेशा के लिए आयकर छूट बढ़ाने, न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) में वृद्धि, एसईजेड को मैट के अंतर्गत लाना, घरेलू कम्पनियों के सरचार्ज में कटौती, सर्विस टैक्स दायरे को बढ़ाना आदि बिन्दु निकट भविष्य में जीएसटी और डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) को लागू करने की सरकार की दृढ़ता के परिचायक हैं.
सामाजिक क्षेत्रों में अत्यधिक व्यय के बावजूद सरकार वित्तीय वर्ष-2011 के वित्तीय घाटे को 3जी और बीडबल्यूए स्पेक्ट्रम की नीलामी से प्राप्ति के चलते 5.5 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले 5.1 प्रतिशत लाने में सफल रही है. साथ ही वित्तीय वर्ष 2012 में 4.6 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है, सरकार ने इसके लिए एक योजना बनायी है जिससे कि घाटे को नीचे लाया जाए. बजट का मुख्य ध्यान ग्रामीण विकास पर है. वित्त मंत्री ने इस बार बजट में कृषि के भारी भरकम राशि का प्रावधान किया है इसी के साथ मनरेगा में श्रमिकों की मजदूरी को महंगाई से जोड़ कर सराहनीय कदम उठाया है. सरकार के इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों से मांग निकलेगी जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेब्ट फंड की शुरुआत इस दिशा में मील का पत्थर है जो कि इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने में मददगार साबित होगा.
बजट में गृह ऋण पर ब्याज की छूट सीमा बढ़ाने का स्वागत करते हुए श्री रॉय ने कहा कि सरकार का यह कदम आवासीय परियोजनाओं को मजबूती प्रदान करेगा. सरकार ने आवास ऋण पर ब्याज सब्सिडी की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया. इन कदमों से रियल इस्टेट सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर वित्त मंत्री ने आर्थिक विकास दर को बनाये रखने, महंगाई से निपटने, सर्वांगीण विकास और वित्तीय समावेश के बीच संतुलन बनाये रखने की पूरी कोशिश की है. यद्यपि वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति और फिस्कल कंट्रोल, इकोनॉमिक रिकवरी को बनाए रखने, विदेशी निवेश को प्रोत्साहन, फाइनेंशियल इनक्लूजन और पारदर्शिता को मजबूत करने पर जोर दिया है, तथापि सरकार के लिए इनक्लूसिव ग्रोथ के अपने वायदे पर खरा उतरना बहुत मुश्किल होगा.
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