नई दिल्ली April 18, 2011
विदेश में तांबे की मांग कमजोर होने से इसके भाव में गिरावट आई है। पर चीन, जापान, यूरोप, अमेरिका में तांबे की मांग कम हो गई है। धातु विश्लेषकों का कहना है कि महंगाई को काबू करने के लिए कई देश ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। इससे अंतरराष्टï्रीय बाजार में तांबे की मांग कम हुई हैं, जिससे लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई)में तांबे का स्टॉक बढ़ रहा है। विश्लेषकों के मुताबिक अगले दो-तीन महीनों तक तांबे की मांग कमजोर ही रहने के आसार हैं। ऐसे में इसकी कीमतों में और गिरावट आ सकती है। चीन में तांबे के आयात में सालाना 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।पिछले 10 दिन में एलएमई पर तांबे का भाव 9,895 डॉलर प्रति टन से घटकर 9,435 डॉलर प्रति टन हो गया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अप्रैल अनुबंध तांबे का भाव 440 रुपये प्रति किलो से घटकर 417 रुपये प्रति किलो रह गया है।ऐंजल ब्रोकिंग के वरिष्ठï धातु विश्लेषक अनुज गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'चीन, यूरोप, जापान से तांबे की खरीद कमजोर पड़ी है, जिससे इसकी कीमतों में नरमी का रुख दिख रहा है।' इस बारे में कमोडिटीइनसाइटडॉटकॉम के धातु विश्लेषक अभिषेक शर्मा ने बताया, 'कई देशों ने महंगाई पर काबू करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है। इस वजह से बाजार में तरलता कम हुई है, जिसका असर धातुओं की खरीद पर भी पड़ रहा है।'तांबे की खरीद घटने से एलएमई में इसका स्टॉक लगातार बढ़कर 10 महीने के उच्चतम स्तर को छू चुका है। पिछले 10 दिन में यह स्टॉक 5,000 टन से ज्यादा बढ़कर 4,50,425 टन हो गया है। हाल ही में जारी इंटरनैशनल कॉपर स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार जापान में भूकंप, पश्चिम एशिया में राजनीतिक उथलपुथल, मौद्रिक नीति में बदलाव का तांबे पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसके मुताबिक 2011 में तांबे का खनन उत्पादन 4.6 फीसदी बढऩे का अनुमान है। शर्मा का कहना है कि अगले दो-तीन हफ्ते में एमसीएक्स पर तांबे के भाव घटकर 390 रुपये प्रति किलो तक आ सकते हैं। मॉनसून सत्र और जापान में निर्माण में तेजी आने पर तांबे की मांग बढ़ सकती है। गुप्ता कहते हैं कि यूरो के मुकाबले डॉलर मजबूत हो रहा है, इस कारण तांबे का भाव नरम रह सकता है। दिल्ली के तांबा कारोबारी सुरेशचंद गुप्ता का कहना है कि अंतरराष्टï्रीय बाजार में तांबे के दाम गिरने से घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतें घट गई हैं। (BS Hindi)
19 अप्रैल 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें