हैदराबाद April 20, 2011
देश में कपास के सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात ने बीटी कपास के बीज की कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर ली है, जबकि उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए आंध्र प्रदेश इसकी कीमतें बढ़ाने की घोषणा करने में सकुचा रहा है।बीज कंपनी के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि गुजरात सरकार ने बीटी बीजी-1 व बीजी-2 हाइब्रिड कपास बीज की कीमतें प्रति पैकेट (450 ग्राम) 200 रुपये बढ़ाने का फैसला किया है और जल्द इसकी घोषणा हो सकती है। खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में 65 लाख पैकेट बीज की जरूरत होने का अनुमान है, ऐसे में कीमत में बढ़ोतरी से बीज कंपनियों को 130 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।कपास उत्पादक राज्यों में बीज कंपनियां बीटी कपास के बीज के अधिकतम खुदरा मूल्य में जल्द से जल्द इजाफा करने की मांग कर रहे हैं ताकि नई कीमत की छपाई के साथ इसकी पैकिंग कर सकें और जून में शुरू होने वाले खरीफ सीजन से पहले विभिन्न इलाकों में ऐसे पैकेट की आपूर्ति की जा सके।बुधवार को गुजरात सरकार ने कीमत की बाबत बीज कंपनियों की राय जानने के लिए उनके साथ बैठक की। इसके अलावा देश भर में बीटी कपास के बीज की आपूर्ति में कमी की खबर को देखते हुए कंपनियों से इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के इंतजाम के बारे में भी बात हुई। बीज कंपनियों द्वारा कीमत बढ़ोतरी के निवेदन पर सहमति जताने की बाबत इस कदम को सौदेबाजी के रूप में देखा जा रहा है।वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश सरकार ने बीज नियंत्रण अधिनियम बनाकर कंपनियों को पहली बार 2006 में और फिर 2008 में बीटी कपास की कीमतों में कमी करने के लिए बाध्य किया था। बीजी-1 की कीमतें प्रति पैकेट 1800 रुपये से घटकर 650 रुपये पर आ गई थी जबकि बीजी-2 की कीमतें 925 रुपये से घटकर 750 रुपये पर आ गई थी। अन्य राज्य भी इसी राह पर चल पड़े थे।बीटी कपास के बीज की बढ़ती मांग के साथ बीज उद्योग इसे पूरा करने में सक्षम नजर नहीं आए। कंपनियों ने कहा कि बीटी कपास के बीज की बढ़ती लागत से उनकी लाभदायकता पर असर पड़ रहा है और इसी वजह से वे मांग के मुकाबले आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। पंजाब और हरियाणा पहले ही बीजी-1 की कीमतें 825 रुपये प्रति पैकेट और बीजी-2 की कीमतें 1000 रुपये प्रति पैकेट कर चुका है।जब कंपनियों ने कीमत बढ़ोतरी के लिए राज्यों से संपर्क साधा तब इन राज्यों ने आंध्र प्रदेश की ओर नजरें दौड़ाई ताकि वह इस बाबत कोई फैसला ले सके। क्योंकि आंध्र प्रदेश कंपनियों को आश्वासन देने के बाद भी कीमत में बढ़ोतरी की घोषणा करने में सकुचा रहा है।बीज कंपनियों के मुताबिक, कपास के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भी जल्द ही बीज की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है। हालांकि राज्यों में चिंता का विषय बीटी कपास के बीज की आपूर्ति में कमी है। खरीफ 2011 के दौरान करीब 46 लाख पैकेट बीज की कमी की आशंका है। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कंपनियां उन इलाकों में बीज की ज्यादा आपूर्ति करेगी, जहां इसकी कीमतें ज्यादा हैं। ऐसे में राज्यों को इस मुद्दे पर जल्दी फैसला लेना होगा क्योंकि गुजरात व आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में कपास का पूरा रकबा बीटी कपास के तहत आ चुका है। (BS Hindi)
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