04 जनवरी 2009
चीनी की कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार करेगी सख्ती!
नई दिल्ली : चीनी की महंगाई लोगों का घरेलू बजट बिगाड़ रही है। इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार कुछ कड़े कदम उठा सकती है। सरकार चीनी निर्यात के लिए मौजूदा कारोबारी साल में चीनी कंपनियों को रिलीज ऑर्डर (आरओ) का इस्तेमाल करने देने में सख्ती बरत सकती है। चीनी कंपनियां ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत चीनी का निर्यात करती हैं। साल 2007-08 के सीजन के अंत तक सरकार ने रिलीज ऑर्डर सिस्टम में दखल नहीं दिया। तब वह चाहती थी कि चीनी मिलें अपने सरप्लस स्टॉक को विदेशी बाजारों में बेचें। सरकार ने इसके लिए जुलाई 2007 में नोटिफिकेशन भी जारी किया था। अक्टूबर 2008 तक सरकार ने चीनी निर्यात के लिए इस नोटिफिकेशन को आगे बढ़ाया। इसके बाद इसे फिर दिसंबर महीने में भी जारी रखा गया। हालांकि, दिसंबर के बाद इस नोटिफिकेशन को आगे बढ़ाने का आदेश नहीं आया है। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि सरकार इस मामले में अब कुछ सख्ती कर सकती है और चीनी निर्यात के रिलीज ऑर्डर में दखलंदाजी शुरू कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार आरओ रूट के जरिए होने वाले निर्यात पर भी नजर रखना चाहती है। आरओ सिस्टम के तहत मिलों और कारोबारियों को चीनी निर्यात करने से पहले खाद्य मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ती है। पिछले चार महीने से घरेलू बाजार में चीनी की खुदरा कीमत 20-21 रुपए प्रति किलो चल रही है। आम लोगों के लिए बुरी बात यह है कि आने वाले वक्त में इसमें 10 रुपए किलो तक की बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा है कि चीनी कीमतों के लगातार ऊपर बने रहने की वजह से सरकार को इस मामले में दखल देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आरओ सिस्टम के तहत सरकार को चीनी निर्यात पर अंकुश लगाने का अधिकार है। चीनी निर्यात पर नियंत्रण के जरिए सरकार इसकी कीमतों को नीचे लाने की कोशिश में है। माना जा रहा है कि निर्यात पर कुछ अंकुश लगने से घरेलू बाजार में चीनी की आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे इसकी कीमतें कम होंगी। (ET Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें