कुल पेज दृश्य

15 जनवरी 2009

जल्द तय होगा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य

नई दिल्ली January 13, 2009
कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि रबी की बुआई आखिरी चरण में है, लिहाजा इन फसलों (मुख्य रूप से गेहूं) के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की बाबत विचार-विमर्श कैबिनेट की अगली बैठक में होगा।
पिछले साल भारत ने 964.3 लाख टन चावल, 784 लाख टन गेहूं, 407 लाख टन मोटे अनाज और 151 लाख टन दलहन का उत्पादन कर पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए और इस साल इससे भी अच्छी पैदावार की उम्मीद है।उधर, साल 2008-09 सीजन में चीनी का उत्पादन घटने के अनुमान को देखते हुए सरकार ने मंगलवार को संकेत दिया कि वह देश से चीनी निर्यात की अनुमति नहीं देगी। साथ ही वह कच्ची चीनी के आयात की अनुमति देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार चीनी निर्यात की अनुमति देगी, तो उन्होंने कहा - हम देखेंगे। केन्द्र ने एक जनवरी से रिलीज ऑर्डर प्रणाली को फिर से लागू कर दिया है, जिसके तहत निर्यातकों को चीनी निर्यात से पहले खाद्य मंत्रालय की अनुमति आवश्यक है।देश में चीनी उत्पादन 264 लाख टन से घटकर 190 लाख टन के स्तर पर आने का अनुमान है। पवार ने कहा कि राज्यों से मिली खबरों के मुताबिक चीनी उत्पादन का परिदृश्य उत्साहजनक नहीं है।राज्यों ने अक्टूबर से अब तक अपने चीनी उत्पादन अनुमान में तीन बार बदलाव किए हैं और हर बार उत्पादन के अनुमान में कमी की गई है। उन्होंने कहा - हम कुल उत्पादन, सालाना घरेलू आवश्यकता और कैरिओवर स्टॉक के बारे में जनवरी के अंत तक आकलन करना चाहते हैं और इसके बाद निर्यात की अनुमति के मुद्दे पर निर्णय किया जाएगा। पवार ने कहा कि कच्ची चीनी के आयात की बाबत फैसला एक पखवाड़े में हो जाएगा। इसके अलावा पवार ने कहा कि भारत इस साल अनाज उत्पादन में पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ देगा। उन्होंने कहा कि अच्छे मौसम और रकबे में बढ़ोतरी के चलते चावल, मोटे अनाज, तिलहन और दलहन का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है।साल 2007-08 में भारत में रिकॉर्ड 2306 लाख टन अनाज, तिलहन और दलहन का उत्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि इस साल दलहन, तिलहन, चावल और अन्य अनाज के रकबे में पिछले साल के मुकाबले 15-20 फीसदी का इजाफा हुआ है और पिछले साल के मुकाबले फसल की स्थिति भी अच्छी है। उन्होंने कहा कि गेहूं उत्पादन का मामला काफी उत्साहजनक है, हालांकि इसका रकबा पिछले साल जितना ही है। उन्होंने कहा कि गेहूं के लिए अनुकूल मौसम के चलते पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश से गेहूं की अच्छी फसल की खबरें मिली है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: