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02 जनवरी 2009

स्टील उत्पादन में कटौती से खुदरा में भाव बढ़े

स्टील कंपनियों के उत्पादन में कटौती के कारण रिटेल बाज़ार में स्टील महंगा होने लगा है। पिछले दस दिनों में स्टील उत्पादों की कीमतों में 600 रुपये से 1500 रुपये प्रति टन तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नारायणा स्टील एसोसिएशन के महासचिव के. के. गुप्ता के मुताबिक आयात में कमी होने और कंपनियों के उत्पादन में कटौती से कीमतों में तेज़ी आनी शुरू हुई है। नारायणा लोहा मंडी में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के बड़े डीलर वेद प्रकाश जैन के मुताबिक दिसंबर महीने में स्टील कंपनियों ने अपने उत्पादन में कटौती जारी रखी। देश की सबसे बड़ी कंपनी सेल ने भी अपने उन उत्पादों का उत्पादन कम कर दिया था जिनकी मांग बाज़ार में कम थी। जबकि टाटा स्टील, इस्पात इंडस्ट्रीज, जेएसडब्लू स्टील, एस्सार स्टील जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपने उत्पादन में 20 से 25 फीसदी की कटौती की हुई है। इसके साथ ही स्टील आयात पर पांच फीसदी शुल्क लगने से स्टील आयात में भी कुछ कमी आई है। इन कारणों से स्टील की कीमतों में कुछ सुधार आया है। पिछले दस दिनों में स्टील की कीमतों में एक हज़ार रुपये प्रति टन से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है।नारायणा लोहा मंडी में एचआर क्वॉयल की कीमत 30500 रुपये प्रति टन तक गिर गई थी। लेकिन पिछले दस दिनों में यह बढ़कर 31500 रुपये प्रति टन से 32000 रुपये प्रति टन के बीच आ गई है। इसी तरह स्टील प्लेट्स की कीमत भी 31500 रुपये से 32500 रुपये के बीच हो गई है। इसी तरह टीएमटी बार की कीमतें भी पिछले दिनों बढ़ी हैं। लुधियाना में हेमकुंड स्टील के जसविंदर तनेजा के मुताबिक टीएमटी की औसतन कीमत जो नवंबर में 29000 रुपये प्रति टन तक चली गई थी। पिछले 10-15 दिनों में 31500 रुपये प्रति टन पर आ गई है। हालांकि स्टील कंपनियों का मानना है कि कीमतों में स्थिरता आनी शुरू हुई है। इस्पात इंडस्ट्रीज़ के प्रवक्ता के मुताबिक कीमतें स्थिर हुई है। दूसरी ओर सेल ने उत्पादन में कटौती से इंकार किया है। (Business Bhaskar)

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