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15 जनवरी 2009

नारियल रेशों के निर्यात में बढ़त

कोच्चि January 14, 2009
अप्रैल से दिसंबर तक की अवधि में 1,36,420 टन नारियल के रेशे (कॉयर) का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 460 करोड़ रुपये थी।
परिमाण के मामले में यह पिछले साल के मुकाबले 1.25 प्रतिशत और मूल्य की दृष्टि से 6.02 प्रतिशत आधिक रहा। दिसंबर महीने में निर्यात से 2.26 करोड़ रुपये अधिक की प्राप्ति हुई।इस महीने 12,170 टन कॉयर का निर्यात किया गया और इससे 49.37 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। यद्यपि, कॉयर बोर्ड के नवीनतम आकलनों के मुताबिक निर्यात से होने वाली आय में दिसंबर महीने में 4.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन परिमाण के मामले में इस महीने 14.43 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। दिसंबर 2007 के दौरान कुल निर्यात 14,222 टन का था जिसकी कीमत 47.11 करोड़ रुपये थी। दिसंबर में कॉयर आधारित कई उत्पादों का प्रदर्शन निर्यात के मामले में नकारात्मक रहा। लेकिन कॉयर मैट्स, कॉयर रस्सी, कॉयर कालीन, कर्ल्ड कॉयर और कार्पेट अपवाद रहे। दिसंबर 2008 में कर्ल्ड कॉयर के निर्यात में 317 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इस अवधि में 150 अन कर्ल्ड कॉयर का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 22.25 लाख रुपये थी जबकि दिसंबर 2007 में 3.89 लाख रुपये की कीमत का 36 टन कर्ल्ड कॉयर का निर्यात किया गया था। मूल्य की दृष्टि से निर्यात में 480 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मलयेशिया और चीन कर्ल्ड कॉयर के प्रमुख खरीदार हैं। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नारियल के रेशे का निर्यात सुस्त रहने की वजह से मांग में इतनी तेजी आई। नारियल के रस्सी के विदेशी कारोबार में 57 प्रतिशत की बढ़त हुई, 72 टन नारियल के रस्सी का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 21.66 लाख रुपये थी। हालांकि, मूल्य की प्राप्तियां 10 फीसदी कम थी। दियंबर 2008 में तीन उत्पादों के निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई। इनमें नारियल के रेशे, रबर वाले कॉयर और कॉयर के धागे शामिल थे। कॉयर फाइबर के निर्यात की बात करें तो परिमाण और मूल्य दोनों में 49 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 294 टन कॉयर फाइबर का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 32.32 लाख रुपये थी। 62 टन रबर वाले कॉयर का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 49.49 लाख रुपये थी। परिमाण के मामले में इसमें 42 प्रतिशत और कीमत में 34 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इसी तरह 454 टन कॉयर के धागे (37 प्रतिशत कम), जिसकी कीमत 1.45 करोड़ रुपये (40 फीसदी कम) थी, का निर्यात किया गया। कॉयर मैट्स के निर्यात में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 6,305 टन रहा जिसकी कीमत 40.98 करोड़ रुपये (14 प्रतिशत की बढ़ोतरी) थी।कॉयर कालीन के प्रदर्शन में 8 प्रतिशत का सुधार हुआ। 6 टन कॉयर कालीन का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 4.40 लाख रुपये थी। (BS Hindi)

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