06 जनवरी 2009
2020 तक देश में 73 फीसदी कम होगा खाद्य तेल
नई दिल्ली : 2020 तक भारत का खाद्य तेल का आयात 83 फीसदी बढ़ सकता है। एसौचेम के अनुसार खाद्य तेल की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को आयात के जरिए पूरा किया जाएगा। अभी यह 47.1 लाख टन है। इसके बढ़कर 81 लाख टन हो जाने का अनुमान है। हालांकि एसोचैम की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर घरेलू वनस्पति तेल उत्पादन को बरकरार न रखा गया तो स्थिति और खराब हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'वनस्पति तेल के उत्पादन को बरकरार रखना भी आसान काम नहीं होगा क्योंकि कृषि योग्य जमीन पर विभिन्न फसलों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है और जरूरत के अनुसार सिंचाई सुविधाओं की तरफ कोई काम नहीं किया जा रहा है।' एसोचैम के अनुसार, देश में खाद्य तेल का उत्पादन 4.26 फीसदी की सीएजीआर के साथ बढ़ रहा है। 2006-07 में खाद्य तेल का उत्पादन 1.142 करोड़ टन रहा जबकि 1986-87 में उत्पादन 49.6 लाख टन रहा था। दूसरी तरफ, देश में खाद्य तेल का उपभोग 4.25 फीसदी की सीएजीआर के साथ बढ़कर 1.145 करोड़ टन हो गया जबकि 1986-87 में उपभोग महज 49.5 लाख टन था। मांग की तुलना में आपूर्ति लगातार कम होने के कारण इस बात का पूरा अनुमान है कि आयात में बढ़ोतरी ही होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, 'बढ़ती जनसंख्या और प्रति व्यक्ति उपभोग में बढ़ोतरी के कारण खाद्य तेल का उपभोग बढ़ने की संभावना है। इस कारण मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को कम करने के लिए भारत को पूरी तरह आयात पर निर्भर रहना पड़ेगा।' रिपोर्ट में उत्पादकता को लेकर चिंता तो जताई ही गई है साथ ही ऑयलसीड के उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया गया है। (ET Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें