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05 जनवरी 2009

वायदा कारोबार 1 लाख करोड़ डॉलर के पार

मुंबई January 04, 2009
जिंस वायदा कारोबार लॉन्च होने के महज 5 सालों के भीतर देश के कमोडिटी एक्सचेंजों का सालाना कारोबार 1 लाख करोड़ डॉलर को पार कर गया।
वहीं देश के तीन राष्ट्रीय एक्सचेंजों मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स), नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज और नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) के सालाना कारोबार में 40 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।केवल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज की बात करें तो कुल वायदा कारोबार में इसकी हिस्सेदारी 85.85 फीसदी की रही। इस एक्सचेंज का कुल टर्नओवर 42,56,577 करोड़ रुपये का रहा।एमसीएक्स में सबसे ज्यादा कीमती धातुओं, आधारभूत धातुओं और ऊर्जा का कारोबार हुआ। पिछले साल इन सबका कुल टर्नओवर 27,21,779 करोड़ रुपये का रहा।वहीं देश के दूसरे सबसे बड़े एक्सचेंज एनसीडीईएक्स का 2008 में कुल कारोबार 6,27,986.42 करोड़ रुपये का रहा, जो कुल वायदा कारोबार का 12.67 फीसदी है।गौरतलब है कि एनसीडीईएक्स कृषि जिंसों के वायदा कारोबार का सबसे बड़ा एक्सचेंज है। लेकिन 2007 में इस एक्सचेंज का कुल कारोबार 7,74,698.06 करोड़ रुपये का रहा।राष्ट्रीय एक्सचेंजों में तीसरे स्थान पर आने वाले नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) का कुल कारोबार 73,815.08 करोड़ रुपये का रहा। देश के कुल वायदा कारोबार का यह बमुश्किल 1.5 फीसदी है। गौरतलब है कि इस एक्सचेंज में प्लांटेशन कांट्रैक्ट पर फोकस किया जाता है। मालूम हो कि देश में वायदा कारोबार की दुबारा शुरुआत अक्टूबर 2003 में हुई थी, जो पिछले 40 साल से निलंबित पड़ा था। 2003 के बाद भी आलू, रबर, गेहूं, चावल और दालों का कारोबार प्रतिबंधित किया गया। हालांकि आलू और रबर का वायदा कारोबार एक बार फिर शुरू कर दिया गया है लेकिन गेहूं, चावल और दालों का कारोबार जल्द शुरू होने की उम्मीद है। जानकारों को उम्मीद है कि इन प्रतिबंधित जिंसों का कारोबार फिर शुरू होते ही जिंस एक्सचेंजों का टर्नओवर ऊंची छलांग लगाएगा। (BS Hindi)

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