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11 दिसंबर 2008

आंध्र प्रदेश में खराब मौसम की भेंट चढ़ा मूंगफली उत्पादन

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश से होने वाले मूंगफली तेल उत्पादन में इस साल काफी कमी आई है। मूंगफली तेल के उत्पादन में आई कमी की सबसे बड़ी वजह इस सीजन में मौसम का बेहतर नहीं रहना है। आंध्र प्रदेश में इस साल गुजरात से मूंगफली के तेल की आपूर्ति होगी। गुजरात देश का सबसे बड़ा मूंगफली तेल उत्पादक है। मूंगफली तेल की कीमतों के ऊंचे रहने से उपभोक्ताओं की जेब पर दबाव रह सकता है। आंध्र प्रदेश में सालाना चार लाख टन मूंगफली तेल का उत्पादन होता है जबकि पूरे देश में इसका कुल उत्पादन करीब 15 लाख टन है। इस साल इसमें दो लाख टन की गिरावट होने की आशंका है, जिससे कीमतों में और उछाल आ सकता है। आंध्र प्रदेश के करीब 18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली का उत्पादन होता है। मूंगफली की करीब तीन चौथाई फसल खरीफ (जून से सितंबर) सीजन के दौरान होती है जबकि बाकी रबी (नवंबर से मार्च) सीजन के दौरान होती है। आंध्र प्रदेश कोऑपरेटिव तेल बीज उत्पादक फेडरेशन के सीनियर मैनेजर के ब्रह्माजी राव कहते हैं, 'फूल और बीज बनने के दौरान मूंगफली की फसल को काफी नुकसान हुआ है। सामान्य उत्पादन के मुकाबले इस साल मूंगफली का उत्पादन 50 फीसदी कम हुआ है।' विभाग के अधिकारी कहते हैं कि किसानों को इतना ज्यादा नुकसान हुआ है कि उनकी लागत भी नहीं निकल रही है। इस सीजन में हुआ तेल उत्पादन केवल राज्य की जरूरत को पूरा कर पाएगा। फसल खराब होने के अलावा मूंगफली तेल की मांग में आई तेजी ने उत्पादन और उपभोग में अंतर पैदा कर दिया है। मांग और आपूर्ति में पैदा इस अंतर की भरपाई को पूरा करने के लिए राज्य को गुजरात से तेल का आयात करना होगा। राज्य सरकार मलेशिया और इंडोनेशिया से बड़ी मात्रा में पाम ऑयल और सोया ऑयल के आयात का फैसला कर चुकी है। आंध्र प्रदेश तेल बीज ऑर्गनाइजेशन पाम तेल और सोया तेल के अतिरिक्त आयात के लिए पहले ही कैबिनेट की मंजूरी हासिल कर चुका है। आंध्र प्रदेश तेल बीज उत्पादक फेडरेशन के वित्तीय प्रबंधक डी सूर्य प्रकाश के मुताबिक उत्पादन में आई भारी कमी के चलते मूंगफली तेल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। (ET Hindi)

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