12 दिसंबर 2008
गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने की जरूरत : स्वामीनाथन
राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष एम. एस. स्वामीनाथन ने कहा है कि विपणन वर्ष (2008-09) के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने की सख्त जरूरत है। पांचवें राष्ट्रीय किसान सम्मेलन के अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। कृषि एवं लागत मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने भी इस साल के लिए गेहूं का एमएसपी 1080 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। पिछले साल गेहूं का एमएसपी 1000 रुपए प्रति क्ंिवटल था। डा. स्वामीनाथन ने कहा कि सरकार को रबी सीजन की बुवाई शुरू होने से पहले ही एमएसपी की घोषणा होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने अभी तक रबी सीजन के लिए एमएसपी की घोषणा नहीं की है जबकि ज्यादातर फसलों की बुवाई लगभग पूरी होने वाली है। स्वामीनाथन ने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम मिले। सम्मेलन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बीमा की सुविधा सभी फसलों में दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए जरूरी है कि किसानों को ध्यान में रखते हुए नीतियां तैयार की जाएं। अभी केवल कॉफी व कुछ अन्य फसलों को ही बीमा सुरक्षा मिल रही है। बजट 2008-09 में चाय, रबर, तंबाकू, लाल मिर्च, अदरक, हल्दी, इलायची और काली मिर्च को बीमा योजना के अंतर्गत लाए जाने की योजना रखी गई है और इसके लिए 700 करोड़़ रुपए का प्रावधान किया गया था योजना के तहत फसलों को कीटों, प्राकृतिक आपदा और मौसम से हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।दो दिवसीय पांचवें राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का आयोजन कंसोर्टियम ऑफ फारमर्स एसोसिएशन (सीआईएफए) द्वारा किया गया जिसमें देश भर से आए हजारों किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन और कनाडा फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर के अध्यक्ष लॉरेट पेलरिन भी उपस्थित थे। पेलरिन ने भी किसानों को फसलों के उचित दाम दिए जाने पर बल दिया। साथ ही, गांवों की बुनियादी संरचना में सुधार की जरूरत को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि किसानों की बाजार तक आसानी से पहुंच हो, उसके लिए सभी विकासशील देश की सरकारों को गांवों में बुनियादी संरचना पर अधिकतम निवेश करना चाहिए। (Business Bhaskar)
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