कोलकाता December 13, 2008
निरंतर हड़तालों और आर्थिक संकट की मार पड़ने के बाद जूट उद्योग चाहता है कि निर्यात बाजार सहायता योजना का पुनरारंभ हो, जो वर्ष 2007 में केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय द्वारा बंद कर दी गयी थी।
भारतीय जूट मिल एसोसिएशन ने भारत से निर्यात होने वाले जूट उत्पादों में गिरावट आने की आशंक जताई है। भारतीय जूट मिल एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पिछले पांच वर्षों के दौरान जूट का औसतन वार्षिक निर्यात करीबन 1000 करोड़ रुपये रहा।
भारतीय जूट मिल एसोसिएशन के संजय कजारिया ने बताया, "बांग्लादेश सरकार द्वारा मिलने वाले बड़ी मात्रा में छूट के चलते बांग्लादेश जूट उद्योग ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत को पीछे छोड़ दिया है।" (BS Hindi)
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