07 दिसंबर 2008
पर्याप्त सर्दी न पड़ने से गेहूं की उपज प्रभावित होने का अंदेशा
गेहूं के उत्पादक राज्यों में इस समय अपेक्षित सर्दी नहीं पड़ रही है। इससे चालू रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की फसल के लिए सर्दी बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की कटाई में देरी होने से गेहूं की बुवाई में कमी आने की संभावना है। इन हालातों में चालू रबी सीजन में 785 लाख टन गेहूं उत्पादन का सरकारी लक्ष्य पूरा होना मुश्किल दिख रहा है। नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में कृषि विशेषज्ञ रहे डॉ रणबीर सिंह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में दिन का तापमान सामान्य से काफी ज्यादा है जोकि गेहूं की अगेती फसल के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर के बाद हुई बुवाई के लिए यह मौसम काफी अनुकूल है। अभी बुवाई का काम चल रहा है जो 25 दिसंबर तक चलेगा इसलिए गेहूं की पैदावार काफी हद इस बात पर निर्भर करेगी ़कि गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अगले 15-20 दिनों में तापमान कैसा रहता है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष फरवरी-मार्च में मौसम फसल के लिए अच्छा था जिसकी वजह से गेहूं का रिकार्ड उत्पादन हुआ।कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर. के. राय ने बताया कि चालू सीजन में गेहूं उत्पादक राज्यों में इन दिनों जैसा तापमान है, वैसा तापमान सामान्य रूप से दस दिन पहले यानि 25 नवंबर को रहता है। लेकिन अगर किसान पानी व खाद का ध्यान रखें तो नुकसान की आशंका को टाला जा सकता है। वैसे भी रात में सर्दी पड़ रही है इसलिए अभी फसल को नुकसान होने की संभावना कम है। उनका मानना है जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, गेहूं की फसल के लिए अच्छी रहेगी। रोलर फ्लोर मिलर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश, जोकि गेहूं उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है, की सभी गन्ना मिलों ने अभी तक गन्ने की पेराई प्रारंभ नहीं की है। गन्ना मिलें चालू न होने से खेत समय पर खाली होने की संभावना कम है। अगर खेत देर से खाली होते हैं तो फिर गेहूं की बुवाई लेट हो जाएगी। इसलिए देर से बुवाई वाले खेतों में गेहूं में प्रति हैक्टेयर उत्पादन में कमी आना निश्चित है।सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन में देश में अभी तक गेहूं की बुवाई 173.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 19.43 लाख हैक्टेयर ज्यादा है। पिछले वर्ष की समान अवधि में गेहूं की बुवाई 154.27 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। पिछले वर्ष देश में गेहूं का रिकार्ड 784 लाख टन का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar......R S Rana)
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