नई दिल्ली December 02, 2008
सोयाबीन तेल और चने के 'शेयर' पर सटोरियों की नजरें फिर से टिक गयी हैं।
वायदा कारोबार के दोनों बड़े एक्सचेंजों मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में इन जिंसों का वायदा कारोबार शुरू होने की उम्मीद से कुल कारोबार में कम से कम 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की उम्मीद है। दोनों एक्सचेंजों ने वायदा बाजार आयोग के पास इनका वायदा कारोबार शुरू करने के लिए आवेदन कर दिया है। सरकार ने रबर और आलू पर लगे प्रतिबंध की मियाद आगे नहीं बढ़ाई है, फिर भी ये एक्सचेंज आलू और रबर को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे हैं।
मालूम हो कि 30 नवंबर को आलू, सोयाबीन तेल, चना और रबर के वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध की मियाद खत्म हो गई। दूसरी ओर, वनस्पति तेल और चना उत्पादों के कारोबारियों का कहना है कि इन दोनों जिंसों के बाजार पर सटोरिए फिर से हावी हो जाएंगे।
वायदा एक्सचेंजों की राय में एनसीडीईएक्स के उत्तरी और पूर्वी मंडल प्रमुख आर रघुनाथन कहते हैं कि आलू और रबर को लेकर ये एक्सचेंज बहुत उत्साहित नहीं है। फिलहाल यहां सोयाबीन तेल और चने के वायदा कारोबार को दुबारा शुरू करने की तैयारी हो रही है।
उनके मुताबिक, इन जिंसों के जुड़ने से एक्सचेंजों के कारोबार में 15 से 20 फीसदी इजाफे का अनुमान है। रघुनाथन कहते हैं कि इनके कारोबार में तेजी की उम्मीद इसलिए भी है कि मौजूदा समय इनकी आवक का है। इस चलते किसानों के साथ-साथ निवेशक भी इसमें निवेश करेंगे। इस समय सोयाबीन की आवक जहां चालू है, वहीं चने की अगली फसल मार्च तक आ जाएगी। एमसीएक्स उपाध्यक्ष संजीत प्रसाद कहते हैं कि आलू का वायदा आरंभ होने से अगले मौसम में इसका भाव क्या होगा, यह अभी पता चल जाएगा। ऐसे में किसानों को इस बार राहत मिल सकती है। प्रसाद के मुताबिक, सोयाबीन तेल का वायदा शुरू होने से अन्य तेलों में मजबूती आ सकती है। वैसे सबसे अधिक फायदा तेल पेराई करने वालों को होने का अनुमान है।
कारोबारियों का पक्षतेल : तेल के थोक व्यापारी सरकार के इस फैसले से खुश नहीं है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन (डिवोटा) के अध्यक्ष लक्ष्मीचंद जैन कहते हैं कि इसके बाद सट्टेबाज तेल बाजार पर फिर से हावी हो जाएंगे और तेल की कीमत रोजाना ऊपर-नीचे होने लगेगी। ऐसे में छोटे कारोबारियों का नुकसान होने की आशंका बढ़ जाएगी। इस बीच, सोयाबीन तेल का वायदा कारोबार आरंभ होने की उम्मीद से तेल के बाजार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और लगभग सभी वनस्पति तेल अपने पहले के स्तर पर हैं।चना : लारेंस रोड दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता कहते हैं कि अगर चने का वायदा जनवरी-फरवरी के लिए शुरू हो गया तो इसकी कीमत तेज हो जाएगी, लेकिन मार्च-अप्रैल के लिए शुरू करने पर उसके दाम गिरे हुए स्तर पर आ जाएंगे। फिलहाल चने की कीमत थोक बाजार में 23 रुपये प्रति किलोग्राम है। सितंबर महीने में चना 26 रुपये प्रति किलो पर था। आलू : आजादपुर मंडी के थोक व्यापारी राजेंद्र प्रसाद कहते हैं कि आलू का वायदा फिर चालू होने से किसानों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली। किसानों ने पिछले दो-तीन महीने तक स्टोर से इस उम्मीद में आलू नहीं निकाला कि बरसात के कारण पंजाब से आलू की फसल समय पर नहीं आ पाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंजाब से समय पर आवक होने से आलू की कीमतें तेजी से नीचे गिरी हैं। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि जरूरी खाद्य जिंसों का वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। (BS Hindi)
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