नई दिल्ली। स्थानीय मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द, राजमा और काबुली चने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि मसूर के भाव में सुधार आया।
दस फीसदी आयात शुल्क पर मसूर का आयात 31 दिसंबर 2020 तक होना है, ऐसे में व्यापारियों की नजर सरकार 31 दिसंबर के बाद क्या फैसला करती है, इस पर लगी हुई है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण व्यापार सीमित मात्रा में ही हो रहा है।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100 से 200 रुपये की गिरावट आकर भाव दिल्ली में क्रमशः 7,100 से 7,150 प्रति क्विंटल और 7,950 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। हाजिर में आयातित उड़द का स्टॉक कम है, लेकिन मिलों की मांग भी कमजोर होने से भाव में मंदा आया।
इसी प्रकार, महाराष्ट्र लाइन के नई उड़द और मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड द्वारा खरीदी गई उड़द के भाव 100 रुपये घटकर क्रमशः 7,600 और 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मिलों की हाजिर मांग से कनाड़ा और मध्यप्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में आज दिल्ली में 25 से 75 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया। व्यापारियों की नजर सरकार के फैसले पर लगी हुई है।
केंद्र सरकार ने अगर 10 फीसदी आयात शुल्क पर मसूर के आयात की समय सीमा को नहीं बढ़ाया तो फिर हल्का सुधार और भी बन सकता है।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना में स्थानीय मिलों की मांग कमजोर होने से 200-400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
मद्रास लाईन की छोटी शर्मिली राजमा cleaned/uncleaned में 500 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।
दिल्ली में चना की कीमतों में 125 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 4,700 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मोठ के दाम दिल्ली में 5,500 से 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
मूंग में ग्राहकी कमजोर होने से 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,500 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 62 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई, जबकि मार्च वायदा अनुबंध में इसके भाव 81 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया।
29 दिसंबर 2020
दिल्ली में उड़द, काबूली चना और राजमा में मंदा, मसूर के भाव में सुधार
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