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04 दिसंबर 2020

तेलंगाना में कॉटन का उत्पादन अनुमान से 33 फीसदी कम होने की आशंका

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2020 में कर्नाटक में कॉटन का उत्पादन आरंभिक अनुमान से 33.33 फीसदी कम होने की आशंका है।
तेलंगाना कॉटन मिलर्स एंड ट्रेड वेलफेयर एसोसिएशन (टीसीएमटीडब्ल्यूए) के महासचिव के रमेश ने बताया कि चालू सीजन में राज्य में कॉटन की बुआई का क्षेत्रफल बढ़ा था, जिस कारण आरंभ में राज्य में 75 लाख गांठ (एक गांठ—170 किलो) के उत्पादन अनुमान था, लेकिन पिकिंग के समय हुई बेमौसम बारिश तथा बाढ़ ने फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों में 30 फीसदी तो कुछ में 40 फीसदी तक का नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि चालू सीजन में राज्य में कॉटन का कुल उत्पादन घटकर अब 50 लाख गांठ का ही होगा, जोकि पिछले साल के 55 लाख गांठ से भी पांच लाख गांठ कम है।
के रमेश ने बताया कि बेमौसम बारिश से कपास की क्वालिटी भी प्रभावित हुई है तथा नई फसल में लेंथ भी कम आ रही है, तथा पिछले पांच साल में पहली बार ऐसा हुआ है। इसीलिए हमने राज्य सरकार को इस बारे में लिखा है, ताकि किसानों को सरकारी खरीद में कम लेंथ के कारण कुछ छूट दी जा सके।
अहमदाबाद के कॉटन कारोबारी रामलाल भाटिया ने बताया कि विदेशी बाजार में कॉटन की कीमतों में आई गिरावट से घरेलू बाजार में चालू सप्ताह में कॉटन के दाम में 300 से 500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी—356 किलो) की गिरावट आई है, लेकिन भविष्य में कॉटन के दाम विश्व बाजार में तेज ही बने रहने का अनुमान है। इसलिए घरेलू बाजार में भी आगे फिर सुधार आयेगा। आईसीई कॉटन वायदा में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई थी, जानकारों के अनुसार अनाज बाजारों और अमेरिकी शेयर मार्केट में आई गिरावट के कारण कॉटन की वायदा कीमतों में गिरावट तो आई, ले​किन वैक्सीन पर आशावाद के चलते आगामी दिनों में कॉटन में मांग बढ़ने की ही उम्मीद है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र में भी फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि चालू सीजन में कुल उत्पादन 350 लाख गांठ ही होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि अक्टूबर और नवंबर में यार्न मिलों ने अच्छी खरीद की है, जिस कारण मिलों के पास स्टॉक अच्छा है, इसलिए मिलों की मांग में पहले की तुलना में कुछ कमी आई है, लेकिन एक तो यार्न में निर्यात पड़ते अच्छे है, दूसरा चालू सीजन में कॉटन का निर्यात भी पिछले साल से ज्यादा ही होने का अनुमान है। हालांकि सीसीआई के पास कॉटन का पुराना स्टॉक ज्यादा है, जबकि सीसीआई चालू सीजन में भी अभी तक 30.97 लाख गांठ से ज्यादा कॉटन की खरीद कर चुकी है लेकिन सीसीआई पुरानी कॉटन के साथ ही नई की बिकवाली भी कर रही है।

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