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07 दिसंबर 2020

चालू सीजन के पहले दो महीनों में हुई 12 लाख गांठ कपास की निर्यात शिपमेंट

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में नवंबर अंत तक 12 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की निर्यात शिपमेंट हो चुकी है जबकि इस दौरान दो लाख गांठ का आयात भी हो चुका है।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू सीजन में कपास का निर्यात बढ़कर 54 लाख गांठ का होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में 50 लाख गांठ का ही निर्यात हुआ था। आयात चालू सीजन में घटकर 14 लाख गांठ का होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में 15.50 लाख गांठ का हुआ था। उद्योग के अनुसार पहले दो महीनों पहली अक्टूबर से नवंबर अंत तक उत्पादक मंडियों में 91.57 लाख गांठ की आवक हो चुकी है।
सीएआई के अनुसार चालू फसल सीजन के आरंभ में पहली अक्टूबर को 107 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, जबकि चालू सीजन में 356 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। अत: 14 लाख गांठ के आयात अनुमान को मिलाकर कुल उपलब्धता 477.50 लाख गांठ की बैठेगी। पिछले साल नई फसल की आवक के समय बकाया केवल 32 लाख गांठ का स्टॉक था, जबकि उत्पादन 360 लाख गांठ और आयात 15.50 लाख गांठ को मिलाकर कुल उपलब्धता 407.50 लाख गांठ की बैठी थी।
सीएआई के अनुसार चालू सीजन में प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में कॉटन का उत्पादन गुजरात में 92 लाख गांठ और महाराष्ट्र में 85 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमश: 95 और 87 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। इसी तरह से तेलंगाना में चालू सीजन में कपास का उत्पादन पिछले साल के 52 लाख गांठ से घटकर 48 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। तेलंगाना में हालांकि बुआई में तो बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश और बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ।
अन्य राज्यों उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 60 लाख गांठ, मध्य प्रदेश में कपास का उत्पादन 21 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 14, कर्नाटक में 26 लाख गांठ और तमिलनाडु में पांच लाख गांठ तथा ओडिशा में चार लाख गांठ तथा अन्य राज्यों में एक लाख गांठ होने का अनुमान है।
गुजरात की मंडियों में सोमवार 75 आरडी नई कॉटन के भाव 40,700 से 41,000 रुपये और 74 आरडी का व्यापार 40,300 से 40,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) की दर से हुआ। राज्य की मंडियों में वी-797 की कॉटन का भाव 26,500 से 26,800 रुपये प्रति कैंडी रहा। जानकारों के अनुसार विश्व बाजार में बीत सप्ताह कॉटन के दाम में गिरावट आई थी, लेकिन सप्ताहांत में भाव सुधरकर बंद हुए थी। इसीलिए घरेलू बाजार में दाम रुक गए हैं। व्यापारियों के अनुसार कपास में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है तथा यार्न मिलों को पड़ते भी अच्छे लग रहे हैं, इसीलिए घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में आगे सुधार ही आने का अनुमान है।

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