हल्दी में तेजी का रुख जारी, पहली तिमाही में निर्यात बढ़ा
आर एस राणा
नई दिल्ली। मसाला निर्माताओं के साथ ही निर्यातकों की मांग से हल्दी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। पिछले दो-तीन दिनों से इसकी कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। उत्पादक राज्यों में सितंबर महीने हुई बारिष से हल्दी की आने वाली नई फसल को फयादा हुआ है तथा आगामी दिनों में भी मौसम अनुकूल रहा तो पैदावार ज्यादा ही होने का अनुमान है लेकिन नई फसल की आवक फरवरी-मार्च महीन में बनेगी। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू मसाला कंपनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग से भाव में और सुधार आने का अनुमान है।
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल से कम हुई थी, लेकिन नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ था इसलिए हल्दी की कुल उपलब्धता देष में सालाना खपत से ज्यादा ही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान हल्दी के निर्यात में 8 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 24,500 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 22,699 टन का ही हुआ था।
वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था।
आंध्रप्रदेष की डुग्गीराला मंडी में फिगंर क्वालिटी की हल्दी के भाव 5,050 से 7,711 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि बल्ब क्वालिटी की हल्दी के भाव 5,050 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 27.1 टन की हुई। राज्य की ब्ीवकंअंतंउ मंडी में फिंगर और बल्ब क्वालिटी की हल्दी के भाव 6,500 से 7,500 रुपये क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 0.1 टन की हुई। ......आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। मसाला निर्माताओं के साथ ही निर्यातकों की मांग से हल्दी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। पिछले दो-तीन दिनों से इसकी कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। उत्पादक राज्यों में सितंबर महीने हुई बारिष से हल्दी की आने वाली नई फसल को फयादा हुआ है तथा आगामी दिनों में भी मौसम अनुकूल रहा तो पैदावार ज्यादा ही होने का अनुमान है लेकिन नई फसल की आवक फरवरी-मार्च महीन में बनेगी। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू मसाला कंपनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग से भाव में और सुधार आने का अनुमान है।
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल से कम हुई थी, लेकिन नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ था इसलिए हल्दी की कुल उपलब्धता देष में सालाना खपत से ज्यादा ही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान हल्दी के निर्यात में 8 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 24,500 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 22,699 टन का ही हुआ था।
वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था।
आंध्रप्रदेष की डुग्गीराला मंडी में फिगंर क्वालिटी की हल्दी के भाव 5,050 से 7,711 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि बल्ब क्वालिटी की हल्दी के भाव 5,050 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 27.1 टन की हुई। राज्य की ब्ीवकंअंतंउ मंडी में फिंगर और बल्ब क्वालिटी की हल्दी के भाव 6,500 से 7,500 रुपये क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 0.1 टन की हुई। ......आर एस राणा
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