आयातित दाल पर हटेगी स्टॉक सीमा
दाल आयातकों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है, जिससे उन्हें बंदरगाह से आयातित स्टॉक को मंजूर कराने और खुले बाजार में बेचने में मदद मिलेगी। इसका मकसद दालों की उबलती कीमतों को नियंत्रित करना है। केंद्र सरकार जल्द ही एक नया निर्देश जारी करेगी, जिसमें आयातित दालों पर कोई स्टॉक सीमा नहीं होगी, लेकिन आयातकों को एक निर्धारित समयावधि में स्टॉक की बिक्री करनी होगी। इसके अलावा आयातकों को आयातित दालों की आवक और बिक्री का ब्योरा रखना होगा।
राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श में केंद्र ने कहा है कि दालों के आयात को मंजूरी होगी और इस पर कोई स्टॉक सीमा नहीं होगी। हालांकि आयातकों को एक विशेष रजिस्टर बनाना होगा और निर्धारित समय सीमा में आयातित स्टॉक बेचना होगा।' कई दालों विशेष रूप से अरहर और उड़द के भाव काफी ऊंचाई पर पहुंच गए हैं, जिसकी वजह इनकी फसलों के रकबे में भारी गिरावट आना है। दालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण केंद्र सरकार ने दालों के कारोबार पर कड़ी स्टॉक सीमा लगा दी है और इसके दायरे में आयातकों और जिंस एक्सचेंजों से मान्यता प्राप्त गोदामों को भी रखा गया है। स्टॉक सीमा तय करने का आयातकों ने विरोध करते हुए कहा कि इससे वे पहले से आयातित और बंदरगाहों पर स्टॉक को भी बेच नहीं पाएंगे। अकेले मुंबई बंदरगाह पर ही कई प्रकार की 2.5 लाख टन दालें क्लियरेंस न मिलने की वजह से पड़ी हैं।
दिसंबर तक डिलिवरी के लिए आयातकों ने 25 लाख टन दालों के अनुबंध किए हैं और स्टॉक सीमा से यह आयात प्रभावित होगा। पिछले सप्ताह आयातकों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से कहा था, 'अगर आयातकों को स्टॉक सीमा से राहत नहीं दी गई तो इसका उल्टा असर पड़ेगा।' फड़णवीस ने कहा कि पूरे राज्य में जमाखोरों से बड़ी मात्रा में जब्त की गई दालों को एक सप्ताह के भीतर बाजार में बेचा जाएगा। उन्होंने कहा, 'इससे विशेष रूप से अरहर की दाल की कीमतें घटाने में मदद मिलेगी। थोक विक्रेताओं ने सरकार से कहा है कि उन्होंने अरहर की दाल की कीमतें घटा दी हैं, लेकिन इसमें खुदरा विक्रेताओं की तरफ से भी पहल होनी चाहिए। इससे अरहर की दाल की कीमतें 125 से 130 रुपये प्रति किलोग्राम लाने में मदद मिलेगी।'
तिलहनों के लिए स्टॉक सीमा में रियायत
राज्य सरकार ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर तिलहनों की स्टॉक सीमा में रियायत दे दी। इस रियायत के बाद कारोबारी करीब 10 गुना अधिक तिलहन का स्टॉक कर सकेंगे। महाराष्ट्र के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'बिना छिली मूंगफली सहित खाद्य तेलों की भंडारण सीमा में ढील दी गई है।'
कॉरपोरेट क्षेत्र में थोक विक्रेताओं के लिए इसे 2,000 क्विंटल से बढ़ाकर अब 20,000 क्विंटल कर दिया गया है, जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए 200 क्विंटल से बढ़ाकर 2,000 क्विंटल किया गया है। अन्य क्षेत्रों के थोक विक्रेताओं के लिए सीमा 800 क्विंटल से बढ़ाकर 8,000 क्विंटल जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए 100 क्विंटल से बढ़ाकर 2,000 क्विंटल की गई है। किसानों और तिलहन प्रसंस्करणकर्ताओं की मदद के लिए यह फैसला लिया गया है। स्टॉक सीमा की वजह से वे प्रभावित हो रहे थे। आयातित खाद्य तेलों को पहले केंद्र सरकार द्वारा छूट दी गई थी, लेकिन राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत दी गई रियायतों में खाद्य तेल को शामिल नहीं किया गया है। (BS Hindi)
दाल आयातकों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है, जिससे उन्हें बंदरगाह से आयातित स्टॉक को मंजूर कराने और खुले बाजार में बेचने में मदद मिलेगी। इसका मकसद दालों की उबलती कीमतों को नियंत्रित करना है। केंद्र सरकार जल्द ही एक नया निर्देश जारी करेगी, जिसमें आयातित दालों पर कोई स्टॉक सीमा नहीं होगी, लेकिन आयातकों को एक निर्धारित समयावधि में स्टॉक की बिक्री करनी होगी। इसके अलावा आयातकों को आयातित दालों की आवक और बिक्री का ब्योरा रखना होगा।
राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श में केंद्र ने कहा है कि दालों के आयात को मंजूरी होगी और इस पर कोई स्टॉक सीमा नहीं होगी। हालांकि आयातकों को एक विशेष रजिस्टर बनाना होगा और निर्धारित समय सीमा में आयातित स्टॉक बेचना होगा।' कई दालों विशेष रूप से अरहर और उड़द के भाव काफी ऊंचाई पर पहुंच गए हैं, जिसकी वजह इनकी फसलों के रकबे में भारी गिरावट आना है। दालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण केंद्र सरकार ने दालों के कारोबार पर कड़ी स्टॉक सीमा लगा दी है और इसके दायरे में आयातकों और जिंस एक्सचेंजों से मान्यता प्राप्त गोदामों को भी रखा गया है। स्टॉक सीमा तय करने का आयातकों ने विरोध करते हुए कहा कि इससे वे पहले से आयातित और बंदरगाहों पर स्टॉक को भी बेच नहीं पाएंगे। अकेले मुंबई बंदरगाह पर ही कई प्रकार की 2.5 लाख टन दालें क्लियरेंस न मिलने की वजह से पड़ी हैं।
दिसंबर तक डिलिवरी के लिए आयातकों ने 25 लाख टन दालों के अनुबंध किए हैं और स्टॉक सीमा से यह आयात प्रभावित होगा। पिछले सप्ताह आयातकों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से कहा था, 'अगर आयातकों को स्टॉक सीमा से राहत नहीं दी गई तो इसका उल्टा असर पड़ेगा।' फड़णवीस ने कहा कि पूरे राज्य में जमाखोरों से बड़ी मात्रा में जब्त की गई दालों को एक सप्ताह के भीतर बाजार में बेचा जाएगा। उन्होंने कहा, 'इससे विशेष रूप से अरहर की दाल की कीमतें घटाने में मदद मिलेगी। थोक विक्रेताओं ने सरकार से कहा है कि उन्होंने अरहर की दाल की कीमतें घटा दी हैं, लेकिन इसमें खुदरा विक्रेताओं की तरफ से भी पहल होनी चाहिए। इससे अरहर की दाल की कीमतें 125 से 130 रुपये प्रति किलोग्राम लाने में मदद मिलेगी।'
तिलहनों के लिए स्टॉक सीमा में रियायत
राज्य सरकार ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर तिलहनों की स्टॉक सीमा में रियायत दे दी। इस रियायत के बाद कारोबारी करीब 10 गुना अधिक तिलहन का स्टॉक कर सकेंगे। महाराष्ट्र के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'बिना छिली मूंगफली सहित खाद्य तेलों की भंडारण सीमा में ढील दी गई है।'
कॉरपोरेट क्षेत्र में थोक विक्रेताओं के लिए इसे 2,000 क्विंटल से बढ़ाकर अब 20,000 क्विंटल कर दिया गया है, जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए 200 क्विंटल से बढ़ाकर 2,000 क्विंटल किया गया है। अन्य क्षेत्रों के थोक विक्रेताओं के लिए सीमा 800 क्विंटल से बढ़ाकर 8,000 क्विंटल जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए 100 क्विंटल से बढ़ाकर 2,000 क्विंटल की गई है। किसानों और तिलहन प्रसंस्करणकर्ताओं की मदद के लिए यह फैसला लिया गया है। स्टॉक सीमा की वजह से वे प्रभावित हो रहे थे। आयातित खाद्य तेलों को पहले केंद्र सरकार द्वारा छूट दी गई थी, लेकिन राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत दी गई रियायतों में खाद्य तेल को शामिल नहीं किया गया है। (BS Hindi)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें