आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में चना की बुवाई में कमी आने की आषंका है इसीलिए वायदा बाजार के साथ ही हाजिर बाजार में भी चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। त्यौहारी सीजन को देखते हुए दाल एवं बेसन मिलों की मांग और बढ़ने का अनुमान है जबकि चना की उपलब्धता कम होने के कारण उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक कम है। ऐसे में चना की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है। दिल्ली की लारेंस रोड मंडी में चना के भाव 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 25 से 30 मोटरों की हुई।
चना की बुवाई का सीजन षुरु हो चुका है लेकिन उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेष राजस्थान और उत्तर प्रदेष में सितंबर महीने में हुई सामान्य से कम बारिष के कारण खेतों में नमी की मात्रा कम है जिससे इसकी बुवाई में भी कमी आने की आषंका है, इसीलिए चना की खरीद दाल एंव बेसन मिलों द्वारा ज्यादा की जा रही है। आगामी दिनों में चना की तेजी-मंदी उत्पादक राज्यों में मौसम की स्थिति पर भी निर्भर करेगी।
रबी में चना की पैदावार में भारी कमी आई थी, साथ ही फसल की कटाई के समय बेमौसम बारिष से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई थी। हालांकि आस्ट्रेलिया में चना की नई फसल आनी षुरु हो गई है तथा अनुकूल मौसम से आस्ट्रेलिया में चना की पैदावार भी पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन भारत की आयात मांग ज्यादा होने से आस्ट्रेलियाई चना के भाव भी तेज बने हुए है।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2014-15 में चना की पैदावार घटकर 71.7 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 95.3 लाख टन की हुई थी।
महाराष्ट्र की अकोला मंडी में चना के भाव 4,100 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 21 टन की हुई। उत्तर प्रदेष की जौनपुर मंडी में चना के भाव 5,100 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 6 टन की हुई। गुजरात की राजकोट मंडी में चना के भाव 4,200 से 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 25 टन की हुई। ......आर एस राणा
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