कुल पेज दृश्य

17 अक्टूबर 2015

खरीफ फसल की आवक बढ़ने से अरहर की तेजी रुकने के आसार


आर एस राणा
नई दिल्ली। सप्ताहभर में अरहर की कीमतों में तेजी का ही रुख बना रहा। हालांकि अबम्यांमार से आयातित अरहर की आवक तो हो ही रही है साथ ही हरियाणा और राजस्थान में नवंबर महीने मंे अरहर की नई फसल की आवक षुरु हो जायेगी जबकि महाराष्ट्र के साथ ही अन्य अरहर उत्पादक राज्यों में नई अरहर की आवक दिसंबर-जनवरी में बनेगी। ऐसे में अरहर की कीमतों में आगामी महीनों मंे गिरावट आने की संभावना है। मुंबई में लेमन अरहर के भाव 1,900 डॉलर प्रति टन हो गए।
चालू खरीफ सीजन में अरहर की बुवाई में तो बढ़ोतरी हुई है लेकिन प्रमुख उत्पादक राज्यों में अगस्त-सितंबर महीने में हुई कम बारिष से फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आषंका है जिससे अरहर की कुल पैदावार पिछले साल की तुलना में घटने का अनुमान है। केंद्र सरकार दलहल का बफर स्टॉक बनायेगी, जिससे किसानों को फायदा होगा। बफर स्टॉक के लिए केंद्र सरकार दलहन की खरीददारी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी के बजाए बाजार भाव पर करेंगी, इसका सीधा फायदा अरहर के साथ ही अन्य दलहन उगाने वाले किसानों को भी होगा।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2015-16 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी 4,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। साथ ही केंद्र सरकार ने इसकी खरीद पर खरीफ विपणन सीजन 2015-16 के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोशणा की हुई है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 35.4 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 34.9 लाख हैक्टेयर में हुई थी। मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में अरहर की पैदावार 26.1 लाख टन होेने का अनुमान है।
महाराष्ट्र की जलगांव मंडी में अरहर के भाव 9,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक एक टन की हुई। उत्तर प्रदेष की षाहजहांपुर मंडी में इसके भाव 8,300 से 8,365 रुपये प्रति क्विंटल रहे। गुजरात की राजकोट मंडी में अरहर के भाव 9,250 से 12,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक एक टन की हुई। झारखंड की पाकूर मंडी में अरहर के भाव 8,400 से 8,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 0.21 टन की हुई।......
आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: