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सोने-चांदी पर कम होगा आयात शुल्क! |
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रत्न एवं आभूषण कारोबार में गिरावट से उद्योग जगत के साथ ही
सरकार भी चिंतित है। सरकार इस उद्योग के विकास के लिए कारोबारियों के साथ
मिलकर योजना बनाने जा रही है, जिसके लिए 3 नवंबर को सोना-चांदी एवं हीरे की
कारोबारी संस्थाओं के प्रमुखों को दिल्ली बुलाया गया है। वाणिज्य एवं
उद्योग मंत्रालय कारोबारियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा।
इंडिया बुलियन ऐंड ज्वैलरी एसोसिएशन लिमिटेड के अध्यक्ष मोहित कंबोज कहते
हैं कि हम लोग आयात शुल्क में कटौती और विशेष जोन की मांग लंबे समय से करते
रहे हैं। अब सरकार के हमारे मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार होने से लगता
है कि रत्न एवं आभूषण उद्योग के अच्छे दिन आएंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा भेजी गई बैठक की सूचना में बातचीत का
पूरा ब्योरा दिया गया है। बैठक में बातचीत का एजेंडा दो स्तरीय होगा। रत्न
एवं आभूषण उद्योग के विकास के लिए एक साल के अंदर होने वाली पहल और दूसरी
तीन साल में होने वाली पहल। सरकार रत्न एवं आभूषण कारोबारियों से चार
मुद्दों पर बात करेगी। इनमें कच्चे हीरों की खनन कंपनियों के लिए स्पेशल
नोटिफाइड जोन की स्थापना, आयात शुल्क में कटौती, जिसमें सोने पर लगने वाले
आयात शुल्क को 10 फीसदी से 2 फीसदी करना, चांदी पर आयात शुल्क को 10 फीसदी
से 2 फीसदी करना, कट- पॉलिश और कलर स्टोन पर आयात शुल्क को 2.5 फीसदी से
शून्य करना और मोती पर 10 फीसदी आयात शुल्क को 2.5 फीसदी करना है। इसके
अलावा सरकार स्वर्ण योजना बनाना चाहती है, जिसमें सोना, धातु, ऋण,
रिसाइक्लिंग और खनन शामिल होगा। वहीं तीन साल वाली योजना में रत्न एवं
आभूषण कारोबार के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए तैयार की जाने वाली योजनाओं
पर चर्चा होगी।
कारोबारियों का कहना है कि इस बैठक में आगे की रणनीति तय हो जाएगी। भारतीय
रत्न एवं आभूषण उद्योग के आयात और निर्यात दोनों में भारी गिरावट देखने को
मिल रही है। सितंबर महीने में सिर्फ 205.74 करोड़ डॉलर के सोने का आयात
हुआ, जबकि सितंबर 2014 के दौरान देश में 378.33 करोड़ डॉलर के सोने का आयात
हुआ था, यानी इस साल सितंबर में सोने के आयात में लगभग 46 फीसदी की गिरावट
हुई है। (BS HIndi) |
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