चीन और यूरो क्षेत्र में सुस्ती से देश का रत्न एवं आभूषण उद्योग बुरी तरह
प्रभावित हुआ है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने
आज यह बात कही। परिषद ने कहा कि चीन और यूरो क्षेत्र में मौजूदा सुस्ती से
पॉलिशयुक्त हीरों और तैयार आभूषण की मांग बुरी तरह प्रभावित हुई है।
जीजेईपीसी के चेयरपर्सन प्रवीण शंकर पांड्या ने आज कहा, 'यदि सरकार इस
उद्योग को समर्थन नहीं देती है, तो उद्योग का निर्यात इस साल 13 प्रतिशत घट
सकता है।'
पांड्या ने कहा कि उद्योग इस समय अपने सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है। सिर्फ निर्यात और वैश्विक बाजार में नेतृत्वकारी स्थिति में ही वह पिछड़ नहीं रहा है, बल्कि बेरोजगारी की दर में भी जोरदार इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का कुल निर्यात 5.59 प्रतिशत घटकर 19.22 अरब डालर रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 20.3 अरब डॉलर रहा था।
पांड्या ने कहा कि उद्योग इस समय अपने सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है। सिर्फ निर्यात और वैश्विक बाजार में नेतृत्वकारी स्थिति में ही वह पिछड़ नहीं रहा है, बल्कि बेरोजगारी की दर में भी जोरदार इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का कुल निर्यात 5.59 प्रतिशत घटकर 19.22 अरब डालर रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 20.3 अरब डॉलर रहा था।
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