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15 अक्टूबर 2015

मुनाफावसूली से चना की कीमतों में नरमी


आर एस राणा
नई दिल्ली।  स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली से उत्पादक मंडियों में चना की कीमतों नरमी आई। हालांकि त्यौहारी सीजन को देखते हुए दाल एवं बेसन मिलों की मांग अभी जारी रहेगी, जबकि चना की उपलब्धता इस समय उत्पादक मंडियों में कम है। ऐसे में उत्पादक मंडियों में चना की कीमतों में फिर से सुधार आने का अनुमान है।
चना की बुवाई का सीजन षुरु हो चुका है लेकिन उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेष राजस्थान और उत्तर प्रदेष में सितंबर महीने में हुई सामान्य से कम बारिष के कारण खेतों में नमी की मात्रा कम है जिससे इसकी बुवाई में भी कमी आने की आषंका है, इसीलिए चना की खरीद दाल एंव बेसन मिलों द्वारा ज्यादा की जा रही है। आगामी दिनों में चना की तेजी-मंदी कुछ हद तक उत्पादक राज्यों में मौसम की स्थिति पर भी निर्भर करेगी।
रबी में चना की पैदावार में भारी कमी आई थी, साथ ही फसल की कटाई के समय बेमौसम बारिष से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई थी। हालांकि आस्ट्रेलिया में चना की नई फसल आनी षुरु हो गई है तथा अनुकूल मौसम से आस्ट्रेलिया में चना की पैदावार भी पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन भारत की आयात मांग ज्यादा होने से आस्ट्रेलियाई चना के भाव भी तेज बने हुए है। उद्योग के अनुसार नवंबर महीने में आस्ट्रेलिया से एक लाख टन चना भारतीय बंदरगाह पर पहुंचेगा।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2014-15 में चना की पैदावार घटकर 71.7 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 95.3 लाख टन की हुई थी।
महाराष्ट्र की लातून मंडी में चना के भाव 4,400 से 5,213 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 52 टन की हुई। उत्तर प्रदेष की जयपुर मंडी में चना के भाव 4,500 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 12 टन की हुई। गुजरात की दाहोद मंडी में चना के भाव 5,025 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 18.3 टन की हुई। उत्तर प्रदेष की आनंदनगर मंडी में चना के भाव 4,900 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 11 टन की हुई।.......आर एस राणा

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