कॉफी बोर्ड के अनुसार कई कारणों से भारत का कॉफी निर्यात विपणन वर्ष
2014-15 में मामूली गिरावट के साथ 3,00,522 टन रह गया। इन कारणों में कॉफी
की वैश्विक कीमतों में गिरावट आना भी शामिल है। पिछले वर्ष 3,03,250 टन का
निर्यात हुआ था। कॉफी विपणन वर्ष अक्टूबर से लेकर सितंबर महीने तक का होता
है। कॉफी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'वर्ष 2014-15 के दौरान
कॉफी के निर्यात में मामूली कमी आई थी।
भारतीय कॉफी किस्मों की वैश्विक मांग होने के बावजूद कई वैश्विक कारकों ने व्यापार फैसलों को प्रभावित किया।' बोर्ड के आंकड़ों में दर्शाया गया है कि मात्रा के स्तर पर हालांकि निर्यात में मामूली गिरावट आई है लेकिन विपणन वर्ष 2014-15 में मूल्य के संदर्भ में निर्यात बढ़कर 5,142 करोड़ रुपये का हो गया है जो पिछले वर्ष 4,920 करोड़ रुपये का था। प्रति इकाई मूल्य प्राप्ति वर्ष 2014-15 में बढ़कर 1,71,105 रुपये प्रति टन हो गया जो पूर्व वर्ष में 1,62,255 रुपये प्रति टन था। अधिकारी ने कहा कि कॉफी की वैश्विक कीमतों में काफी उतार चढ़ाव और ब्राजील, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे कई देशों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इन देशों की मुद्राओं में गिरावट के कारण व्यापार प्रभावित हुए।
भारतीय कॉफी किस्मों की वैश्विक मांग होने के बावजूद कई वैश्विक कारकों ने व्यापार फैसलों को प्रभावित किया।' बोर्ड के आंकड़ों में दर्शाया गया है कि मात्रा के स्तर पर हालांकि निर्यात में मामूली गिरावट आई है लेकिन विपणन वर्ष 2014-15 में मूल्य के संदर्भ में निर्यात बढ़कर 5,142 करोड़ रुपये का हो गया है जो पिछले वर्ष 4,920 करोड़ रुपये का था। प्रति इकाई मूल्य प्राप्ति वर्ष 2014-15 में बढ़कर 1,71,105 रुपये प्रति टन हो गया जो पूर्व वर्ष में 1,62,255 रुपये प्रति टन था। अधिकारी ने कहा कि कॉफी की वैश्विक कीमतों में काफी उतार चढ़ाव और ब्राजील, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे कई देशों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इन देशों की मुद्राओं में गिरावट के कारण व्यापार प्रभावित हुए।
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