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08 अक्टूबर 2015

त्यौहारी मांग से आलू की कीमतों में आई तेजी


आर एस राणा
नई दिल्ली। खपत राज्यों की मांग बढ़ने से सप्ताहभर में आलू की कीमतों में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में उत्तराखंड की हल्द्वानी लाईन के आलू का भाव पहली अक्टूबर को 700 से 900 रुपये प्रति 50 किलो था जोकि बढ़कर 750 से 950 रुपये प्रति 50 किलो हो गया। इस दौरान हिमाचल प्रदेष की षिमला लाईन के आलू का भाव 1,100 से 1,400 रुपये प्रति 80 किलो था जोकि बढ़कर 1,200 से 1,600 रुपये प्रति 80 किलो हो गए। कर्नाटका और महाराष्ट्र के आलू का भाव मंडी में 500 से 840 रुपये प्रति 50 किलो, उत्तर प्रदेष के आलू का भाव 400 से 550 रुपये प्रति 50 किलो तथा मध्य प्रदेष और गुजरात के आलू का भाव 425 से 625 रुपये प्रति 50 किलो हो गया। खपत राज्यों की अच्छी मांग को देखते हुए मौजूदा कीमतों में चालू महीने में और भी सुधार आने का अनुमान है।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही अप्रैल से जून देष से 37,125.79 टन आलू का निर्यात हुआ है। मालूम हो कि वित्त वर्ष 2014-15 में वित्त वर्ष 2013-14 के मुकबाले निर्यात में बढ़ोतरी हुई थी। वित वर्ष 2014-15 में देष से 3,05,979 टन आलू का निर्यात हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में 1,66,642 टन आलू का ही निर्यात हुआ था।
कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में आलू की बुवाई 19.90 लाख हैक्टेयर में हुई है तथा पैदावार 421.74 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल देष में आलू की बुवाई 19.73 लाख हैक्टेयर में हुई थी तथा पैदावार 415.55 लाख टन की हुई थी। हालांकि देष आलू की रिकार्ड पैदावार फसल सीजन 2012-13 में 453.43 लाख टन की हुई थी।
देष में आलू का उत्पादन मुख्यतः उत्तर प्रदेष, बिहार, पष्चिमी बंगाल, पंजाब, कर्नाटका और असम तथा मध्य प्रदेष में होता है। उत्तर प्रदेष में नए आलू की आवक मार्च-अप्रैल महीनें में, पष्चिमी बंगाल में मार्च महीने में, उत्तराखंड में जुलाई-अगस्त तथा अक्टूबर से दिसंबर तक होती है। पंजाब में आलू की आवक जनवरी और दिसंबर महीने में होती है, बिहार में आवक का पीक सीजन जनवरी और फरवरी महीने में होता है। तमिलनाडु देष का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां 12 महीने यानि की जनवरी से लेकर दिसंबर तक आलू की आवक बनी रहती है।
आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेष, पष्चिमी बंगाल और बिहार देष के अग्रिण राज्य है। उत्तर प्रदेष में कुल उत्पादन का 33 फीसदी आलू पैदा होता है जबकि पष्चिमी बंगाल की आलू उत्पादन में हिस्सेदारी 22 फीसदी, बिहार की 16 फीसदी है। इसके अलावा मध्य प्रदेष की 6 फीसदी, गुजरात की 5 फीसदी, पंजाब की 5 फीसदी, असम और हरियाणा की क्रमषः 2-2 फीसदी है।.....आर एस राणा

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