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31 अक्तूबर 2015

प्राकृतिक रबर के वैश्विक दाम गिरे


रबर क्षेत्र में संकट गहराने से प्राकृतिक रबर की वैश्विक कीमतें नए निचले स्तर पर आ गई हैं। प्राकृतिक रबर के कारोबार के केंद्र बैंकॉक में आरएसएस-3 ग्रेड का भाव 82 रुपये प्रति किलोग्राम बोला गया, जबकि आयातकों की सबसे पसंदीदा ग्रेड एसएमआर-29 और भी कम भाव 77 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध है। विशेषज्ञों के मुताबिक प्रमुख आयातक देशों विशेष रूप से चीन की खरीदारी रबर बाजार के संकट की मुख्य वजह है। इस बाजार में वर्ष 2020 तक गिरावट का रुझान बने रहने के आसार हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तुलना में घरेलू बाजारों की स्थिति बेहतर है क्योंकि हमारे यहां आरएसएस-4 की कीमत 114 रुपये प्रति किलोग्राम बनी हुई है। बाजार के सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह भाव रबर बोर्ड का है और कारोबार 100 रुपये के आसपास हो रहा है। एनएमसीई पर आज नवंबर और दिसंबर अनुबंधों का भाव कम रहा। विशेषज्ञ रबर बाजार के इस संकट की दो मुख्य वजह बताते हैं।
ये वजह कम मांग एवं ज्यादा आपूर्ति और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट हैं। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से सिंथेटिक रबर के दाम गिरते हैं। विभिन्न पूर्वानुमानों के मुताबिक वर्ष 2015 में वैश्विक उत्पादन 120 लाख टन से अधिक रहने की संभावना है। वर्ष 2014 में यह 120.7 लाख टन था और पिछले 14 वर्षों के दौरान कुल उत्पादन दोगुना हो गया है। लेकिन वर्ष 2008-09 से कमजोर आर्थिक स्थितियों के कारण इस जिंस की वैश्विक मांग में भारी गिरावट आई है। वर्ष 2015 में खपत केवल 1 करोड़ टन के आसपास रहने का अनुमान है। इसलिए ऐसा लगता है कि बाजार में सरप्लस आपूर्ति की स्थिति रहेगी, जिससे कीमतों पर नकारात्मक असर होगा।
टैपिंग रुकी
सबसे अधिक रबर का उत्पादन करने वाले राज्य केरल में उत्पादन का पीक सीजन आ गया है, लेकिन बहुत से उत्पादक केंद्रों में टैपिंग बंद है। एक डीलर एन राधाकृष्णन ने कहा कि हालांकि इस समय टैपिंग का पीक सीजन है, लेकिन शीट रबर की आपूर्ति बहुत कम है। टैपिंग केवल उन छोटे बागानों में हो रही है, जहां मालिक खुद यह काम करते हैं। ज्यादातर बड़े और मझोले बागानों ने टैपिंग बंद कर दी है क्योंकि उत्पादन की लागत मिलने वाली कीमत से अधिक है। (BS Hindi)

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