आर एस राणा
नई दिल्ली। त्यौहारी मांग के कारण सरसों में खपत राज्यों की मांग अच्छी बनी हुई है जिससे इसकी कीमतों में तेजी देखी जा रही है। उत्पादक मंडियों में सरसों का स्टॉक कम है जबकि नई फसल आने में अभी कई महीने बचे हुए हैं। सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्यों में सितंबर महीने में हुई कम बारिष से बुवाई कम हो रही है जिसका असर पैदावार पर पड़ने की आषंका है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों का बकाया स्टॉक कम है जबकि तेल मिलें सरसों में खरीद ज्यादा मात्रा में कर रही है। सरसों की नई फसल की दैनिक आवक फरवरी-मार्च में बनेगी।
राजस्थान की अलवर मंडी में सरसों के भाव 5,200 से 5,300 रुपये, जयपुर मंडी में 5,425 रुपये और मध्य प्रदेष की मोरेना मंडी में 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
चालू रबी में सरसों की बुवाई में कमी आई थी, साथ ही बेमौसम बारिष और ओलावृष्टि से भी फसल को नुकसान हुआ था। कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में सरसों की पैदावार घटकर 63.09 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2013-14 सरसों की पैदावार 78.77 लाख टन की हुई थी।
राजस्थान की गंगापुर सिटी मंडी में सरसों के भाव 4,591 से 5,281 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 80.9 टन की हुई। राज्य की सुरजगढ़ मंडी में सरसों के भाव 4,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 22 टन की हुई। उत्तर प्रदेष की जौनपुर मंडी में सरसों के भाव 3,800 से 3,850 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 2.5 टन की हुई।......आर एस राणा
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