आर एस राणा
नई दिल्ली। मसाला निर्माताओं की मांग से जीरा की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। घरेलू मसाला कंपनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग बढ़ने भाव में तेजी आई है। इस समय त्यौहारी सीजन के कारण जीरा में घरेलू मांग अच्छी है साथ ही, निर्यातकों की मांग निकलने लगी है। ऐसे में अच्छी गुणवत्ता के जीरा की बराबर बनी रहेगी, इसलिए आगामी दिनों में भाव में सुधार आने का अनुमान है।
जीरा की बुवाई का सीजन षुरु हो चुका है इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतें बुवाई की स्थिति पर भी निर्भर करेगी। चालू सीजन में जीरा की पैदावार पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है जबकि बेमौसम बारिष और ओलावृष्टि से जीरे की फसल की क्वालिटी भी प्रभावित हुई थी।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान देष से जीरा का निर्यात घटकर 27,000 टन का ही हुआ है जबकि वित वर्ष 2014-15 की समान अवधि में इसका निर्यात 49,000 टन का हुआ था। हालांकि वित वर्ष 2014-15 में जीरा के निर्यात में वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले 11 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी। उम्मीद है आगामी महीनों में निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
जीरा के अन्य उत्पादक देषों सीरिया और टर्की में जीरा का नई फसल आने से विष्व बाजार में भी जीरा की कीमतों में हल्की गिरावट आई है। विष्व बाजार में भारतीय जीरे का भाव घटकर 3.31 डॉलर प्रति किलो रह गया जबकि विष्व बाजार में महीनाभर पहले इसके भाव 3.42 डॉलर प्रति किलो थे।
टर्की और सीरिया में राजनीतिक गतिरोध होने के कारण इन देषों से जीरा के निर्यात में कमी आने की आषंका है, जिसका फायदा भारतीय निर्यातकों को मिलने की संभावना है।
गुजरात की राजकोट मंडी में जीरा के भाव 12,000 से 14,585 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 18.4 टन की हुई। राज्य की जूनागढ़ मंडी में जीरा के भाव 10,000 से 14,210 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 11 टन की हुई। राज्य की हाल्वेद मंडी में जीरा के भाव 14,000 से 15,075 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 9.8 टन की हुई। राज्य की पोरबंदर मंडी में जीरा के भाव 11,775 से 13,400 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 0.2 टन की हुई।......आर एस राणा
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