17 मार्च 2009
ओपेक के उत्पाद नहीं घटाने से तेल फिसला
नई दिल्ली: ओपेक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती नहीं करने का फैसला किया, जिससे सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट देखी गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में 4.5 फीसदी की गिरावट आई और यह 44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। कमोडिटी बाजार ओपेक देशों से तेल उत्पादन में कटौती की उम्मीद कर रहा था। हालांकि, संगठन ने फिलहाल नई कटौती से इनकार कर दिया। ओपेक की रविवार को हुई बैठक में पहले के फैसले पर सख्ती से अमल का फैसला हुआ। न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में अप्रैल डिलीवरी वाले यूएस लाइट क्रूड में 2.09 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई और यह कारोबार के दौरान 44.16 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। वहीं, लंदन ब्रेंट क्रूड 2.01 डॉलर गिरकर 42.92 डॉलर प्रति बैरल पर रह गया। हडसन कैपिटल एनर्जी के एशिया डायरेक्टर जोनाथन कोर्नाफल ने कहा, 'मौजूदा हालात में लिया गया यह फैसला तर्कसंगत है। आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी।' अमेरिका ने ओपेक के फैसले पर खुशी जताई है। रविवार की बैठक में ओपेक ने यह भी कहा कि तेल उत्पादन में कटौती नहीं करने का फैसला अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए लिया गया है।तेल उत्पादक देशों के संगठन की अगली बैठक मई में होनी है। कॉलिंस स्टीवर्ट ने अपने रिसर्च नोट में कहा है, 'ओपेक की बैठक में उत्पादन में किसी प्रकार की कटौती न किए जाने के फैसले को तेल बाजार नकारात्मक रूप में लेगा। हालांकि, हमारा मानना है कि अब तक उत्पादन में जितनी कटौती की गई है और गैर ओपेक देशों के उत्पादन में जो गिरावट आई है, वह कमजोर मांग के लिहाज से ठीक है। निश्चित रूप में आने वाले महीनों में इनवेंटरी में गिरावट का रुख रहेगा।' (ET Hindi)
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